सहनशक्ति की भी एक सीमा होती हैं | श्रीकृष्ण और शिशुपाल की कहानी by Sagar Sinha – YouTube

(00:00) सहन शक्ति एक सीमा होती अच्छ देखो शक्ति वर्ड सहने के साथ लगता है भगवान कृष्ण में भी सहन शक्ति थी पता होगा ना वो घटना 100 गाली के बाद गर्दन उड़ा दिए थे शिशुपाल का आपने कभी सोचा है कि शिशुपाल हमेशा गरिया आता क्यों रहता था भगवान कृष्ण को क्यों हमेशा अपमान करता रहता था भगवान श्री कृष्ण कहानी बताता हूं सुनो दरअसल भगवान विष्णु के द्वारपाल हुआ करते थे जय विजय तो एक ऋषि मुनि आया भगवान विष्णु से मिलने के लिए तो उन्होने रोक दिया तो ऋषि मुनि ने गुस्से में श्राप दे दिया जा जिसके द्वारपाल होने प तू इतना अकड़ रहा है ना उसी से तू जन्म जन्मांतर तक दुश्मनी तेरा

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(00:25) रहेगा तू उसी को हमेशा गरिया आता रहेगा तो वही पहले जन्म में बने हिरण्याक्ष न कश्यप विष्णु के घन और दुश्मन और विष्णु उनको मारने के लिए कौन सा रूप लेकर के आए वर्रा अवतार दूसरे जन्म में वही बना रावण और कुंभकर्ण अगेन विष्णु आए राम के अवतार में मारे पहले अवतार में वर्रा अवतार लेकर के मारे और तीसरे जन्म में वही बना कंश और शिशुपाल बेसिकली ऊपर से ही तय है कि भाई तुम विष्णु के दुश्मन रहोगे और विष्णु का रूप ही कोई तुमको निपटाए अच्छा ये मेन कारण नहीं था मेन कारण ये था कि शिशुपाल जब पैदा हुआ था ना तो पैदा होते ही वो गधों की तरह रोता था गधे जिस तरीके से

(00:54) रोता है नामिया करके चिल्ला करके उस तरीके से वो रोता था और जब वो पैदा हुआ था उसके तीन आंख और चार हाथ थे तो आकाशवाणी हुई थी कि कि जो भी आदमी जिस आदमी के गोद में जाए और इसका तीसरा आंख निकल जाए उस गोद में जाते हुए और बाकी दो हाठ भी कट जाए वही आदमी सोचो इसका वद करेगा मां-बाप भी घबरा गए भैया अब आप आप अपने प मत लो किसी थर्ड पार्टी का ले लो अगर कोई थर्ड पार्टी के बच्चे को कोई कहे कि भैया ये आदमी मारने वाला है इस ऐसा लक्षण है तो मां-बाप पहले ढूंढने में ना लग जाएंगे कौन है भाई पहले उसी का खेल खत्म करें कौन मारेगा हमारे

(01:20) बच्चे को तो हुआ क्या देश विदेश से राजाओं को बुलाया गया राजा का बेटा है शिशुपाल तो अजमन क्या है कोई राजा ही मारेगा ना बुलाया गया सबके गोद में बिठाया गया किसी के गोद में कुछ नहीं हो रहा तो लास्ट में कृष्ण ने भी अपने गोद में ले लिया और कृष्ण ने जैसे गोद में लिया तीसरा आंख गायब हो गया बाकी के दो हाथ कट करके अलग हु अच्छा शिशुपाल की जो मां थी वो कृष्ण की बुआ थ तो शिशुपाल भी एक तरह से भाई ही था तो फिर वो देख कर घबरा गई ये तो भाई है भाई कैसे मारेगा शिशुपाल की मा ने वचन ले लिया तुम इसको मारोगे नहीं वचन दो तो कृष्ण बोले ये वचन तो नहीं दूंगा लेकिन ये

(01:45) वचन दे देता हूं कि इसका 100 अपराध तक मैं माफ करूंगा उसके बाद बोले ठीक है चलेगा 100 अपराध तोही नहीं करेगा और जैसे वो बड़ा हुआ शिशुपाल बेसिकली उसका एक दोस्त रुक्म और रुक्म की बहन थी रुक्मिणी और रुक्म अपनी बहन की शादी शिशुपाल से कराना चाहता था लेकिन रु के रुक्मिणी के माई बाप कृष्ण से करवाना चाहते थे अब हुआ क्या कि रुक्मणी ने लेटर लिख दिया कृष्ण को भगवान कृष्ण को तो भगवान कृष्ण ने भगा लिया रुक्मणी को अब देखो कहते हैं कि लड़की को भगाना पाप है भगाए हुए हैं अब शिशुपाल से शादी होने वाली थी अब उसकी मेहरारू को कोई और लेकर के भाग जाए तो भैया कैसा लगेगा

(02:14) दुश्मनी पाल लिया उसने और प्लस उसका दोस्त था जरास शिशुपाल का जरास को मरवा दिया था इसने भीम से भगवान श्री कृष्ण ने भीम से मरवा दिया था जरास दुश्मनी और बढ़ गई जिंदगी भर अपमान करता रहा एकदम कलेश आ कृष्ण के लिए शिशुपाल अब देखो घटना क्या होती है घटना ये हुई कि युधिष्ठिर को राज शु यज्ञ नया नया जो इंद बनवाए थे विश्वकर्मा से तो युधिष्ठिर को सर्वश्रेष्ठ राजा घोषित करना था उसके लिए राज्यश यज्ञ हो रहा था और उस यज्ञ में सबको इनवाइट किया गया था सारे राजाओं को इनवाइट किया गया था भीष्म को इनवाइट किया गया था ऋषि मुनि सबको इनवाइट करा गया था

(02:41) और वहां पर शिशुपाल तो प्रथा के अकॉर्डिंग ये था युधिष्ठिर ने बोला कि अब इसमें तो हमें एक चाहिए हमें देवता की एक पूजा करनी पूजा करनी कौन से देवता की पूजा करी जाए सहदेव जो सबसे छोटा भाई था वो कहते हैं कि भ देवता की पूजा करनी तो हमारे बीच तो देवता बैठे हुए हैं कृष्ण विष्णु के अवतार हैं ये तो इन्हीं की पूजा क्यों ना करी जाए सब लोग सहमत हो गए भीष्म ने भी बोला पितामह भीष्म ने बोला हां भ बढ़ बढ़िया यष्टि भी अग्री हो गए अब जैसे सबको अग्री हो गए शिशुपाल खड़ा हो गया कि भ बो तुम लोगों की मती फिर गई है इस ग्वाले की पूजा

(03:06) करोगे जरास के डर से ये मथुरा छोड़ कर के द्वारका भागा है ये इस भगोड़े की करोगे पूजा दिया जा रहा है 100 पूरा होते ही भगवान का निकल [संगीत] गया सर सीखने लायक क्या-क्या चीजें हैं सहने की सीमा पहले तो सहने की शक्ति चाहिए जो सहने की शक्ति जिसमें है वही महान है और सहने की भी एक सीमा होती है अगर सीमा के बियोंड आप सह रहे हो फिर आपको डरपोक माना जाता है फिर आपका फायदा उठाया जाता है ये तो लतखोर आदमी है सर ताकत शक्ति का प्रदर्शन उस वक्त जब सीमा आ जाए उसके पहले नहीं और वैसे आज कलयुग है एक बात बताऊं शक्ति का प्रदर्शन करते रहना चाहिए आज के

(03:36) टाइम में शक्ति क्या चीज होती है बाहुबल की शक्ति नहीं आज के टाइम में शक्ति है आपकी प्रतिभा का आप कितने गुणवान है आप कितने प्रतिभाशाली है दिखावा होता रहना होता क्या है आपका थोड़ा भौकाल बना रहता है समाज में थोड़ी इज्जत इज्जत बनी रहती है करना चाहिए लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि किसी को भी दो थाप मारते चलो फुर ले तो लिए हैं कोई रिक्शे वाला टकरा गया तड़क मैंने सिक्योरिटी गार्ड से लड़ते हुए देखा है फर वाले को और क्या कितनी मंदबुद्धि वाला आदमी है कोई मुकाबला है सिक्योरिटी गार्ड का और फचर लेकर के उससे भी छोटी सोच रखते हो अरे

(04:02) उसको अगर चार बार दिन भर में प्यार से कह देते कोई बात नहीं ठीक है हो जाता है इतने में वो खुश हो जाता शक्ति का प्रदर्शन का मतलब ये नहीं होता सर किसी पर जुल्म नहीं करना किसी की हाय नहीं लेनी किसी के साथ बुरा नहीं करना फिर तो ऊपर बैठा है पालनहार विष्णु उसी को कहते हैं ना पालनहार ब्रह्मा को कहते हैं रचता विष्णु को कहते हैं पालनहार और शिव को कहते हैं विनाशक विनाशक किसका बुराइयों का विनाशक तो वो फिर आएगा किसी ना किसी रूप में फिर लगाएगा आज देखो हम कलयुग में सतयुग तो है नहीं सतयुग में क्या होता था भगवान खुद आ कर के दे देते थे सजा आज के टाइम में भगवान तो नहीं आने वाले ना आज के टाइम में आपको घेर दिया जाएगा संघर्षों में आपकी मति भ्रष्ट कर दी जाएगी

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