मुझे Animal Movie कैसी लगी ? Animal Movie review by Sagar Sinha – YouTube

(00:00) आज टॉपिक से हत के बात करेंगे एनिमल मूवी के बारे में देख करके आया मैं एनिमल मूवी और बात करना चाहता हूं हालांकि किसी फिल्म के बारे में ऐसे डिटेल में बात नहीं करता लेकिन इस फिल्म के बारे में बात करना चाहिए क्योंकि ये फिल्म थोड़ी तो स्पेशल है कुछ तो खास है इसमें हालांकि देखो फिल्म इतनी कमाई कर रही है फिल्म देखने वाले दो तरह के लोग हैं इसको एक जो फिल्म को बहुत पसंद कर रहे हैं जिसकी वजह से इतना टर्नओवर हो रहा है अच्छा कुछ तो ऐसे भी हैं सोशल मीडिया के फीडबैक रिव्यूज देख कर के जा रहे हैं इतना बढ़िया फिल्म है भै हमें देखना चाहिए तो वैसे लोग भी देखने जा

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(00:35) रहे हैं जैसे जिनमें से मैं हूं मुझे अच्छा फीडबैक मिला तो मैं देखने गया अच्छा कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनको यह फिल्म बिल्कुल पसंद नहीं आएगी मैं किनम से हूं अभी आपको पूरा पूरी बात मेरी सुन कर के समझ में आएगा जो लोग इस फिल्म को पसंद करेंगे और जो लोग नहीं करेंगे जो मेरी बात वाले से रिलेट करने वाले होंगे उनका मेरे फेवर में कमेंट आएगा जो मेरे अगेंस्ट होंगे जो मेरी बात वाले फेवर में नहीं होंगे उनका नेगेटिव कमेंट आएगा तो कमेंट कमेंट बॉक्स में देख करके आप डिसाइड कर लेना फिलहाल मैं अपनी बात रखता हूं देखो फिल्म में एक कांसेप्ट जो सोशल मीडिया पर

(01:11) कुछ सालों से मैंने भी सुना है अल्फा मेल उसकी बात करी गई है तो अल्फा मेल की डेफिनेशन क्या बताते हैं रणवीर कपूर इस फिल्म में कि जो लोग पहले अपनी औरतों को अपनी बीवियों को प्रोटेक्ट कर पाते थे वो लोग अल्फ अल्फा मेल कहलाते थे बात ठीक है अच्छी बात है कोई दिक्कत नहीं है फिल्म में रणवीर कपूर ने किया भी ऐसा अपने पापा को प्रोटेक्ट किया है अपनी बहन को प्रोटेक्ट किया है करते दिखाया गया है तो ये अल्फा मेल है चलो अच्छी बात है लेकिन साथ में वही अल्फा मेल कुछ और एक्टिविटी करते हुए दिखता है कि अपनी बीवी को थप्पड़ मारता है अपनी ही बीवी को गन पॉइंट पर

(01:43) लेता है अपनी बीवी के होते हुए दूसरों के साथ वो सेक्स भी करता है यह सब चीजें अल्फा मेल की डेफिनेशन समझ में आती है इस फिल्म को देख कर के है ना तो अल्फा मेल हमारा ऐसा होना चाहिए संदीप रटी पांगा के हिसाब से ये जो फिल्म का डायरेक्टर है भ ये साइको को है क्या ये डायरेक्टर यह देखो भगवान राम की धरती है सर भारत भगवान राम ना शारीरिक तौर पर कमजोर थे ना मानसिक तौर पर ना ही फाइनेंस के लेवल पर राजा थे पैसों की क्या कमी सर ऐसा हर तरीके से संपन्न होने के बावजूद सर औरत की इज्जत करते थे व सर अपनी बीवी तो छोड़ो जब दुश्मन रावण की बीवी भर बीवी

(02:23) भी रणभूमि में आई थी ना तो उनको माता कहकर संबोधित किया था उन्होंने क्या कमी थी उनमें ताकत की कमी पैसे की कमी दिमाग की कमी फिर भी दुश्मन की बीवी को भी इस तरीके से इज्जत देते थे वो और अपनी बीवी जब रावण उनको लेकर गया था पूरा साल लगा दिया मेहनत करने में सेना बनाने में कि उनको वापस कैसे लाया जाए और एक समय जब वो भी आया जब सीता जी को अलग होना पड़ा जब वो वन में रहने रहने के लिए गई भगवान राम उस वक्त राजा थे अपने महल में रह रहे थे महल में रहने के बावजूद उन्होंने बिस्तर को आजीवन त्याग दिया जमीन पर सोए वो अपने ही महल में जमीन पर सोए वो आजीवन क्योंकि बीवी वन

(03:00) में में सो रही है ये अल्फा मेल नहीं है क्या हां भैया अच्छा संदीप रेड्डी वांगा का इंटरव्यू भी है youtube1 दूसरे को थप्पड़ नहीं मारते वहां पर रियल प्यार है ही नहीं मैं देख कर मुझे लग रहा है सदम में लग जाएगा इस आदमी की बात सुन कर के मैंने कहा पूरी जिंदगी मैंने अपने पापा मम्मी को देख लिया आज तक मेरे पापा मम्मी कभी थप्पड़ बाजी नहीं हु मेरी शादी को 10 साल हो गए ना मेरी बीवी ने आज तक मेरे को थप्पड़ मारा भैया ना मैंने अपनी बीवी को आज तक थप्पड़ मारा 10 साल में किसी भी तरह का हमारा फिजिकल वायलेंस हुआ ही नहीं 10 साल में और ऐसे

(03:42) कितने लोगों को मैं जानता हूं जिनके घर में भी ऐसा हो आपके घर में भी ऐसा ही हो रहा होगा भैया लेकिन इस डायरेक्टर के हिसाब से तो वहां थप्पड़ बाजी होनी चाहिए तभी सच्चा प्यार है तो इस डायरेक्टर को आप क्या कहोगे साइको नहीं कहेंगे आमिर खान का भी एक इंटरव्यू का क्लिप वायरल हो रहा है इन दिनों बहुत पुराना इंटरव्यू है आमिर खान का बहुत पहले उन्होंने बोला था कि जब किसी डायरेक्टर के पास क्रिएटिविटी की कमी होती है ना जब ज्यादा कुछ स्टोरी लाइन को उसको दिखाना नहीं आता जब इमोशन को सही तरीके से दिखाना नहीं आता तब वो डायरेक्टर सेक्स की मदद लेता है तब

(04:15) वो डायरेक्टर वायलेंस की मदद लेता है जो इन दोनों बहुत सारी फिल्मों में हो रहा है इस डायरेक्टर की पुरानी फिल्म कबीर सिंह में भी ऐसा ही था वो जो हीरो था उस उस फिल्म में साहिद कपूर को लिया था वो भी साइको ही दिखाया था इस फिल्म में भी हीरो को जो दिखाया वो भी साइको टाइप ही दिखाया पागल टाइप का तो अल्फा मेल की डेफिनेशन तो इनके हिसाब से ये है तो मैं पूछता हूं भगवान राम तो फिर अल्फा मेल थे ही नहीं भगवान श्री कृष्ण तो अल्फा मेल थे ही नहीं भैया और हमारे शिव जी वो भी अल्फा मेल है ही नहीं इनके हिसाब से तो अल्फा मेल तो भैया वही

(04:45) होता है जो अपनी औरतों को मारपीट करें और साथ में बाहर दूसरी औरतों के साथ संबंध बनाए वो होता है अल्फा मेल और प्रोटेक्शन के नाम पे बात-बात प मारपीट करने को उतारू हो जाए गन पॉइंट प ले आए लोगों को मतलब एक और चीज समझ में आती है इस फिल्म में जो हीरो है इनका बुद्धि नाम की उसमें चीज ही नहीं है पता चला बहन को किसी ने छेड़ा तो व एक 47 लेकर कॉलेज में चला गया भैया और भी तो तरीके हो सकते हैं प्रोटेक्ट करने के दिमाग का भी तो इस्तेमाल किया जा सकता है नहीं तो दिमाग इस्तेमाल करता हुआ आपको इस फिल्म में हीरो दिखेगा नहीं क्योंकि वो अल्फा

(05:18) मेल है ठीक तो देखो ऐसी फिल्म है ना ऐसे डायरेक्टर्स मुझे लगता है समाज को बिगाड़ने का काम सिर्फ वो लोग नहीं करते जो चोरी डके करते हैं जो मारपीट करते हैं जो मर्डर करते हैं जो लूटपाट करते हैं समाज को बिगाड़ने का काम ऐसे डायरेक्टर्स मुझे लग रहा है ज्यादा करते हैं क्योंकि सीधा आपको दिमाग लेवल दिमागी लेवल पर बीमार बनाने का काम कर रहे हैं अब ऐसी फिल्म देख कर के एक युवा जिसमें बहुत ज्यादा बुद्धि नहीं है जो जोशीला जोश भरपूर है वो वो क्या सीखेगा हमारा हीरो वायलेंस उसने भी पत्नी को मारा है अरे हमने मारा तो कौन सी बड़ी बात है हम भी

(05:55) मारेंगे हैं गन पॉइंट ये वो दूसरी औरत के साथ हीरो कर ही रहा है हम भी देखो होता क्या है कि समाज से प्रेरित होकर फिल्में बनती हैं और फिल्मों से प्रेरित होकर समाज बनता है यह दोनों ही चीजें होती है तो ऐसी फिल्मों से प्रेरित होकर समाज बनेगा यह सही है ना अब फनी मीम्स कई सारे इन दिनों आपने देखे होंगे ना जैसे एक मीम था कल मेरा बेटा एनिमल देख के आया आज मैं उसको जेल से छुड़ाने जा रहा हूं मतलब एनिमल देख के इतना वो क्रूर हो गया कुछ कर दिया व जेल में चला गया वो कैसा बनेगा युवा हमारा भैया क्या होगी हालत देश की क्या होगा आप ही बताओ कमेंट बॉक्स में

(06:37) मेरी बात से सहमत हो नहीं सहमत हो बताओ इस फिल्म के बारे में बात करना इसलिए जरूरी था कि ऐसी फिल्में सर डैमेज कर रही है बडली बुरी तरीके से डैमेज कर रही है समाज को पूरी तरीके से देखो वायलेंस दिखाना कोई गत बात नहीं है वायलेंस तो गुंडा करे विलन करे तो समझ में आता है वायलेंस र हीरो करे तो भी समझ में आता है मारपीट कर समझ में आता है वायलेंस के अगेंस्ट नहीं हं बहुत दिखा दि उसमें कुछ गलत नहीं है लेकिन वायलेंस किस तरह का अपनी बीवी को गन पॉइंट पर लेते हुए दिखा रहे हैं ठीक है फिल्म में दिखाया कि अपनी बीवी से बहुत प्यार कर

(07:08) रहे हो भैया लेकिन बहुत प्यार करने का मतलब क्या यह होता है कि आप दूसरी औरत के साथ जाकर सेक्स कर रहे हो यह होता है क्या वायलेंस करने का मतलब अपनी बीवी से मारपीट ये होता है क्या वायलेंस ठीक है अगर बाप को किसी ने कुछ किया तो बाप उसकी दुनिया उड़ा देंगे उसकी लंका लगा उसकी दुनिया उजाड़ देंगे ये भी वायलेंस है अच्छी बात है इसमें कोई दिक्कत नहीं है भैया परि कोई हाथ उठा रहा है परिवार पर अगर कोई बुरी नजर उठा रहा उसको छोड़ कैसे देंगे मार जो करना कर वो ठीक है व वायले समझ में आता है लेकिन वायलेंस का रूप क्या है य पर बैन होनी चाहि होगी नहीं मुझे पता है

(07:51) क्योंकि देखो सर इस समाज इस ऐसी फिल्मों को पसंद करने वाले लोग वो लोग होंगे अब मेरी बात से कुछ लोग को बुरा लगेगा लेकिन लगना भी चाहिए वो लोग होंगे उन ऐसी फिल्मों को ऐसे हीरो को पसंद करने वाले जो लोग मुझे लगता है शायद दबे पड़े हैं अंदर से जिनम किसी ना किसी तरह का गुस्सा है वह करना चाहते हैं कुछ लेकिन कर नहीं पा रहे हैं बॉस को लेकर गुस्सा हो सकता है लेकिन बॉस का कुछ कर नहीं सकते अपने ही घर में हो सकता है उनके पापा को लेकर गुस्सा हो सकता है कि पापा उनको दबा रहे हैं अपने किसी रिश्तेदार दोस्त पड़ोसी को लेकर गुस्सा हो

(08:23) सकता है लेकिन वो कर नहीं सकते मतलब बहुत सारी फीलिंग दबी पड़ी है वो आक्रामक बिहेवियर करना चाहते हैं लेकिन वो कर नहीं पा रहे हैं ड्यू टू लैक ऑफ पावर ऐसे लोग जब ऐसी फिल्में देखते हैं तो उनको लगता है य हीरो य हीरो में वह अपनी छवि देखते हैं उनको लगता है मैं जो नहीं कर पाया यह हीरो कर दिया जैसे पुरानी फिल्मों में आप देखोगे जो मिथुन चक्रवर्ती की फिल्में बनती थी चंडाल शपथ शेरे हिंदुस्तान मैं देखता था ऐसी फिल्मों को वो लोग ज्यादा पसंद करते थे जो रिक्शा चलाते हैं जो ठेला चलाते हैं जो सब्जी बेचते हैं कारण मालूम क्या मिथुन

(08:58) चक्रवर्ती को गरीब दिखाया जाता और मिथुन चक्रवर्ती के साथ बहन को उठा लिया मां को उठा लिया तो मां बाप का बदला लेते हुए पूरी फिल्म खत्म हो जाती उसकी जुल्म होते हुए दिखाया जाता तो जो गरीब तबके के लोग होते थे उनको लगता हमारे साथ भी जुल्म होता है भया तो हीरो ऐसा कर रहा वो रिलेट कर पाते थे शाहरुख खान के दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे से कौन लोग रिलेट करते थे कॉलेज के लड़के लोग व ठेले वाले रिक्शे वाले उससे रिलेट नहीं करेंगे कॉलेज वाले ही रिलेट करेंगे तो फिल्म के हीरो से कौन लोग रिलेट करते हैं ऐसी फिल्म अगर इतना टर्नओवर कर रही है इतनी कमाई कर

(09:32) रही है इसका मतलब समाज में किस तरह के लोगों की उत्पत्ति किस तरह का समाज पनप रहा है हमारा उनका दिमाग कैसा बन रहा है आप साफसाफ इन फिल्मों के टर्नओवर से समझ सकते हो तो ये समाज अब डिस्ट्रक्टिव बन रहा है कंस्ट्रक्टिव बन रहा है भगवान राम के जैसा बन रहा है या इस एनिमल के जैसा बन रहा है देख लो आप देखो फिल्म क्या बताऊ यार मैं तो दुखी हो गया ऐसी फिल्म को देख कर के इससे पहले मैं दुखी हुआ था आदि पुरुष में जब मैंने बजरंग बली को वह कहते देखा था कि बाप का जलेगा यह वो तो मैं पूरी फैमिली गए थे हम लोग आदि पुरुष देखने और मेरा बेटा लिटरली शौक हो

(10:17) गया पापा बजरंग बली गाली दे रहे हैं वो विलिंग थी एक तो आदि पुरुष को देख कर के मैं परेशान हो गया इसके डायरेक्टर को पकड़ के मारू मुझे लगा उसके बाद वाली फीलिंग इस फिल्म में आ कि इसके डायरेक्टर को तो भैया जेल में डाल देना चाहिए ऐसे डायरेक्टर्स ने समाज में मेंटली बहुत बरी तरीके से पेनिट्रेट कर रहे हैं सर जरूरी नहीं है किसी देश को आतंकवादी खराब करें यह भी एक तरह का आतंकवाद है सीधा मेंटल लेवल पर पेनिट्रेट करता है सीधा मेंटल लेवल प आपका भाई या आपको खुद को आपके बच्चे मेंटल मेंटल बना के छोड़ेगा य सर ऐसी फिल्में अगर लगातार बनती चली गई ना

(10:59) मेंटल पैदा होंगे समाज से और इतना ही नहीं फिल्म में कुछ ऐसे सीन भी है जिसको देख कर के आपका खून खोल जाएगा डायरेक्टर के लिए मतलब वो सीन देखते वक्त लिटरली मुझे ये फील आ रहा था कि डायरेक्टर मेरे सीट के बगल में बैठा है ना चप्पल खोल के उसको चप्पले चप्पले मारते मारते मैं सिनेमा हॉल के बाहर ले जाता अगर वो डायरेक्टर मुझे मिल जाता है वो वांगा वांगा जो भी नाम है उसका सीन क्या है मालूम हीरो अपनी बीवी के अलावा दूसरी से जिससे वो प्यार करने लगा है शादी करने का प्लान बना रहा है उसको गिफ्ट देने के लिए कार वाली कंपनी के सेल्समैन को बुलाता है और उसका ऐसा कपड़ा

(11:31) हटा कर के दिखाता है कि मुझे इस कलर का चाहिए कार उधर कुछ लव बाइट बने होते हैं सोचो आप जिससे प्यार कर रहे हो उसका कपड़ा हटा कर के सेल्समैन को दिखा रहे हो बाहरी सेल्समैन को सीन क्या दिखाना चाहता है भाई डायरेक्टर तू और सुनो कहता है कि अगर तुम मुझसे प्यार करती हो तो जूता चाट के दिखाओ मेरा जूता की तरफ इशारा करके कोई इज्जत इज्जत है औरतों के लिए तुम्हारी नजर में ओ वांगा भाई ऐसे डायरेक्टर ना कैंसर से भी ज्यादा खतरनाक हैं

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