अपने काम में माहिर बनो | Motivational Video by Sagar Sinha

(00:00) आजकल हमारे देश में चाय वालों की बड़ी लाइन लगी हुई है सर एक आदमी ने साबित किया कि चाय करके भी पूरे हिंदुस्तान में नाम कमाया जा सकता है दुनिया आ गई ना पीछे दुनिया का काम है अनुकरण करना दुनिया का काम है फॉलो करना दुनिया के पास इतना बुद्धि भेजा नहीं है कि काम में माहिर बना जाए एक आदमी कोई साबित कर दे कि इसे काम में बना जा सकता है दुनिया उसके पीछे चलती है एक और नाम बताऊं जाकिर खान का नाम जानते हो हैं स्टैंड अप कॉमेडियन सर 2012 में बेस्ट स्टैंड अप कॉमेडियन का उसको अवार्ड मिला था 2012 में 2012 में स्टैंड अप कॉमेडी नाम के youtube1 नहीं मिलते

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(00:29) होंगे देखते भी नहीं थे हम लोग टाइम पे लाफ्टर चैलेंज चलता था राजू श्रीवास्तव वगैरह उसे आते थे सर उसको जब मिला ना सबसे बड़ा कॉमेडियन का अवार्ड youtube2 स करना वो टाइम वो था जो बड़े-बड़े स्टार्स फिल्मों के स्टार्स टीवी पे नहीं आना चाहते थे छोटा काम समझते थे त काम है ये झाड़ू पूछा लगाने वाला काम है ये टीवी काना वो टाइम में केबीसी शुरू किया और आज हम सब जानते हैं कि केबीजी की वजह से वो बाउंस बैक कर पाया वो कितने एग्जांपल दूं हजारों निकाल के दे दूंगा आज के बाद नहीं बोलोगे ना काम बदल ले कंपनी बदल ने ये बदल ले वो बदल ले हॉकी पूरे

(01:13) भारत में कभी पॉपुलर नहीं हुआ क्रिकेट जितना या दूसरे खेल जितना लेकिन ध्यानचंद को हम सब जानते हैं जानते हैं ध्यानचंद के अलावा दूसरे कितने हॉकी प्लेयर को आप जानते हो शायद एकाद को जानते होंगे कोई कोई लेकिन ध्यानचंद को तो पूरा देश जानता है सर हॉकी की वजह से नहीं जानता वो ध्यानचंद होने की वजह से उसको जानता है और उसकी वजह से लोग हॉकी को जाने हॉकी की वजह से ध्यानचंद नहीं है नीरज चोपड़ा की वजह से जेवलिन को जाने जेवलिन की वजह से नीरज चोपड़ा नहीं जाकिर खान की वजह से स्टैंड अप कॉमेडियन उठा स्टैंड अप कॉमेडियन होने की वजह से जाकिर खान नहीं सर टीवी पे जब

(01:40) बाढ़ लगी बड़े-बड़े स्टार्स को आने के तो अमिताभ बच्चन की वजह से केबीसी बना केबीसी की वजह से अमिताभ बच्चन नहीं बना शाहरुख खान का हालांकि देखो मैं फैन वन नहीं हूं लेकिन उसका वर्क एथिक्स मुझे बहुत पसंद है आदमी में जिस तरह के डेडिकेशन और जो रिस्क लेने की काबिलियत है ना वो बड़ा पसंद है जिस टाइम में डर मूवी आई थी ना उस टाइम पे बड़े-बड़े स्टार्स नेगेटिव रोल नहीं करते थे एक इमेज बना के रखते थे उस टाइम पे ये इमेज अब ये हीरो वाली में हीरो मतलब मारेंगे मार खाएंगे नहीं लड़की बड़की लेके चलेंगे रेप वे वाला सीन नहीं लड़की भगाने

(02:04) वाला काम गुंडे का हम बचाने वाला काम हम बचाने वाले हैं उस टाइम पे सर मेन हीरो का काम विलन बन कर के आना सर अपने करियर के साथ रिस्क था अगर विलन वाली इमेज उस आदमी ने ये नहीं सोचा कि विलन वाली इमेज बन गई तो मेरे हीरो का हीरो का करियर खराब हो जाएगा कोई भी बिजनेस कोई भी काम फेल नहीं होता सर कभी भी इंसान फेल होते हैं इंसान कामयाब होता है ये वाला बिजनेस नहीं चला वो वाला बिजनेस नहीं चला वो वाला काम नहीं चला झूट है वो आदमी नहीं चला क्योंकि जिस काम को आप कहते हो कि नहीं चलाना उस काम को भी कोई आदमी चला रहा होगा और आज अगर उस

(02:30) काम की वजह से कोई भी बड़ा नहीं है धरती पर तो कोई ना कोई उसी काम में कल बड़ा बन जाएगा तो फेल आपका काम नहीं हुआ फेल आपका बिजनेस नहीं हुआ फेल आप हुए बिजनेस फेल नहीं होता काम फेल नहीं होता इंसान फेल होते हैं अगला लेसन संघर्ष को जीना सीखो बड़ी भारी भरकम वर्ड है ये संघर्ष जब सामने आता है तो किसी को अच्छा नहीं लगता लेकिन जहां लेक्चर देने की बात आई तो कोई भी लेक्चर दे देगा जैसे मैं दे रहा हूं लेकिन सच बात ये है कि इससे बचा भी नहीं जा सकता जिंदगी को जीता वही है जिसने संघर्षों को जिया है अदर वाइज फिर जीतने वाले कहां फिर तो आप सिक्योरिटी गार्ड

(02:57) झाड़ू पोछा मजदूरी रिक्शा ऑटो ये सब कर लो आदमी जितना जितना छोटा है ना जितनी औकात में उसका छोटा है पैसे में कम है वो गरीबी जितनी ज्यादा है समझ लो संघर्ष का लेवल उ उतना कम है देखने में लगता है कि रिक्शे वाले की जिंदगी में बहुत संघर्ष है सर आपसे तो कम ही संघर्ष है उसका मालूम क्यों उसका रूटीन फिक्स है डेली निकलना है डेली काम करना है सर संघर्ष तब बढ़ता है जब ये पता ना हो कि आज जब मैं नौकरी प जा रहा हूं तो शाम को जब मैं नौकरी से आऊंगा तो मेरी नौकरी रहेगी या नहीं रहेगी आज अगर मैं घर से निकल रहा हूं सेल के लिए तो अगर

(03:21) मुझे दिन भर में कोई भी सेल ना हुआ तो मुझे इंसेंटिव आज का मिलेगा कि नहीं मिलेगा आज अगर मैंने बिजनेस कुछ शुरू किया है तो इस महीने मेरी एंप्लॉई की सैलरी मैं दे पाऊंगा कि नहीं दे पाऊंगा ये संघर्ष है ये जो मेरा मुसीबत का समय चल रहा है कि कितने सालों तक ये मुसीबत का समय चलेगा मुझे ये नहीं पता ये संघर्ष है उसको तो पता है रोज का जिसको पता है उससे संघर्ष थोड़ी क होगी आपको अगर आज ये पता चल जाए कि अगले छ महीने में करोड़पति पक्का डन डील डन सर आप खुद कहोगे कि 24 के 24 घंटा मेहनत करवा ले करूंगा लेकिन अगर ये तय है कि छ महीने बाद करोड़पति ना फिर संघर्ष तो

(03:48) गायब हो गया ना संघर्ष तो तभी है जब पता नहीं हो कि कब कामयाब होंगे संघर्ष यही है कि हमें नहीं पता कि हम जो जिसके लिए लड़ रहे हैं वो मिलेगा कब यही संघर्ष है सर संघर्ष शारीरिक मेहनत या मानसिक मेहनत बहुत बड़ लिखना बहुत दौड़ भाग करना ये नहीं है संघर्ष ये है कि हमें नहीं पता कि कब मैं कामयाब होऊंगा और किए जा रहा हूं किए जा रहा हूं किए जा रहा हूं मैं एक बार केमिस्ट्री में फेल हो गया था 12थ में 12थ में केमिस्ट्री में फेल हो गया तो बाऊ जी मेरे लेके गए मौलवी के पास मौलवी ने दिया ताबीज मैं पूछा ये ताबीज काहे को तो मौलवी

(04:14) ने एकदम तुरंत डांट सवाल नहीं करते बाऊ जी मेरे बाद में मेरे बाऊज से पूछा ये ताबीज काहे को अब बेटा जो पूरे साल पढ़ोगे ना सीधा दिमाग में पहुंचेगा मैंने कहा फिर तो चमन प्रास बरा होगा ताबीज में सर आज ना बाबाओं का दौर बड़ा चल रहा है आपकी बीमारी ठीक कर देंगे दिमाग पढ़ लेंगे नहीं बहुत चल रहा है समझना हो क्या रहा है आदमी अपने संघर्षों को खत्म करके टेंपररी सहारा ले रहा है एक बात बताओ भगवान कृष्ण अगर चाहते तो क्या एक झटके में महाभारत नहीं खत्म कर सकते भगवान राम अगर चाहते तो कुछ चुटकी भर में रावण खत्म करके सीता अपने घर में नहीं

(04:44) ला सकते लेकिन किया क्या बदले में पूरा प्रोसेस पूरे प्रोसेस के साथ क्योंकि इंसान अगर बने हो तो इंसान का रोल भी तो निभाना है और इंसान का रोल ये है कि संघर्ष लड़ना पड़ेगा अपने हालातों से और आज हम उसको बायपास करना चाहते हैं नहीं भाई ताबीज मंदिर मस्जिद मौलाना बाबा समस्या ठीक कर दो बाबा भी गारंटी दे रहे आज के समस्या खत्म सीख नहीं पाओगे ना फिर हर समस्या कुछ सिखाने के लिए आती है हर समस्या कुछ बताने के लिए आती है आज अगर बाहर निकलते ही गड्ढे पे गिर गए तो सर इसका मतलब समझने की कोशिश करो कि आपको समय ये बताना चाह रहा है कि इस रास्ते पर कल

(05:10) को परिवार को लेकर के आओगे ना तो जरा संभल के चलना इस रास्ते पर गड्ढा है आज आप अकेले गिरे हो कल आपका पूरा परिवार गिर जाएगा इसकी वजह से आज ही गिर जाओ अकेले तो कम से कम गिर रहे हो सर बच्चा अगर पांचवीं क्लास में फेल हो जाता है ना तो ये बताने की कोशिश की जा रही है कि अभी कमजोर है कमजोर बच्चे को अगर पास करा दिया ना सर वो पता नहीं कितनों का भविष्य खराब करेगा वो एक कमजोर आदमी अगर आईपीएस आईएस बन गया सर पूरा जिले को खराब कर देगा वो नहीं मान एक कमजोर एक मनोबल जिसका टूटा हुआ है मानसिक रूप से जो विकलांग है सर वो राजा बन गया
(05:35) ना पूरे राज्य को खराब करेगा वो तो सही क्या है तो रोक उसको गिरा उसको तपस्या का समय दे ऐसे हालात पैदा करो कि वो लड़े वही उसके लिए भी अच्छा है और वही उसके राज्य के लिए भी अच्छा है

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