Understanding Enemies and the Cleverness of the Mind | The Power of the Mind by Sagar Sinha

अपने दुश्मन की ताकत पहचानो तभी आप उससे लड़ पाओगे नहीं तो दुश्मन तो छल्ली छल्ली करने को तैयार बैठा ही है अब समझो स्टोरी से इसको समझाता हूं मैं आपको दुर्योधन और सारे कौरव और पांडव जब अपनी शिक्षा द्रोणाचार्य से पूरा लेकर के वापस हस्तिनापुर लौटे थे तो उस वक्त अब युवराज घोषित करना है भैया एक को तो राजा बनाना है चाहे पांडव में से किसी को उठा लो या कौरव में से किसी को उठा लो तो उस वक्त द्रोणाचार्य आए थे और उन्होंने कहा था कि अभी इनको युवराज घोषित नहीं किया जा सकता क्योंकि अभी मुझे गुरु दक्षिणा नहीं मिली तो इन्होंने पूछा भैया क्या गुरु दक्षिणा
चाहिए तो द्रोणाचार्य ने कहा कि मेरी गुरु दक्षिणा ये है कि

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राजा द्रुपद पांचाल का राजा है वो कभी मेरा मित्र हुआ करता था लेकिन आज के टाइम में वो मेरा शत्रु है जो भी मेरा शिष्य चाहे कारा कौरव हो या पांडव जो भी मेरा शिष्य उसको हराकर उसका सर मेरे कदमों में झुकाए वही उसी का मैं गुरु दक्षिणा मानूंगा उसने मेरी गुरु दक्षिणा दे दी और वही हस्तिनापुर का राजा बनने योग्य है मेरे हिसाब से तो शुरुआत में तो भैया आनाकानी हुई अब धृतराष्ट्र ने बोला भैया द्रुपद तो बहुत शक्तिशाली राजा है बहुत ही ज्यादा शक्तिशाली राजा है हमारे युवराज कहां से लड़ ने योग्य लेकिन अर्जुन

 

(01:01) सबसे पहले आगे आया कि करेंगे अब अर्जुन आगे आया तो बाकी सारे कौरव भी आगे आए भैया लड़ जाएंगे कर देंगे गुरु दक्षिणा देंगे तो हुआ यूं कि सब लोग निकल पड़े द्रुपद से लड़ने के लिए पांचाल के राजा द्रुपद से लड़ने के लिए तो रास्ते में जब सब लोग जा रहे थे तो दुर्योधन को याद आया अब दुर्योधन तो छलिया हर चीज में उसको शक दुर्योधन को याद आया कि अगर पांडवों ने पहली बार वार कर दिया उस द्रुपद पर तो यही मार डालेंगे फिर मुझे तो लड़ने का मौका ही नहीं मिलेगा तो रास्ते में उसने सबको रोका उसने बोला रुको भाई ऐसे काम नहीं चलेगा मैं सबसे पहले द्रुपद को मारूंगा और तुम

(01:32) लोग मेरे पीछे पीछे आओगे द्रुपद के राज में सबसे पहले मैं घुसूक लोग मेरे पीछे पीछे आओगे सारे पांडवों को बोला तो पांडव बोले ऐसा क्यों भाई भीम सबसे पहले आ गया है ऐसे तुम बोलने वाले कौन हो भीम तो भाई टकेला आता माझी सटके टाइप रहता था वो एनी टाइम उसको गुस्सा आने वाला तो आता माजी सट केली हो गया भीम का सामने आया भाई तुम्हारी ऐसी के तैसी तुम कौन होते हो भाई तो यस्टर ने बोला भीम रुको कोई बात नहीं ये पहले जाकर के हमला करना चाहता है ये हराना चाहता है दुपद को जाने दो ऐसा ही हुआ दुर्योधन एकदम चौड़ में है मैं तो राजा को राजा बनूंगा शर्त ये थी कि जो

(02:00) हराएगा उसको जो गुरु दक्षिणा पूरी करेगा वही तो हस्तिनापुर का राजा बनेगा तब इस आस से दुर्योधन जो है अपने पूरे कौरव सेना कौरव सारे 100 भाई के साथ घुस गए द्रुपद के राज में और घुस गए तो बड़े चाव से घुसे एकदम तड़ तड़ मारते जते सैनिकों ग डिम डाम डिम डाम करते हुए उनको शुरुआत में तो फील हो रहा था अरे बड़ा कमजोर राजा है ये तो द्रुपद हम तो इसके सैनिकों को मारे जा रहे हैं मारे जा रहे हैं मारे जा रहे हैं मारे जा रहे हैं मारते मारते हु आगे बढ़ते जा रहे हैं उसको क्या पता द्रुपद तो तुम्हारे बाऊज थे द्रुपद ने वैसा बनाया था स्ट्रक्चर की शुरुआत में तुम मारो मेरे

(02:32) सैनिकों को मारते मारते मारते मारते आगे बढ़ते चले जाओ बढ़ते चले जाओ बढ़ते चले जाओ दरअसल उसने ये संरचना ऐसी करती थी कि वो चक्रव्यू था दुर्योधन उसके और सारे भाई मारते मारते आगे बढ़ते बढ़ते चक्रव्यू में इस कदर फंस गए कि अब वहां से निकल ही नहीं सकते तो अंदर जाने के बाद उसको समझ में आया दुर्योधन को अरे बाप रे बाप ये तो अपना ताऊ निकला इसने तो चक्रव्यू बना रखा है अब यहां से निकले गए से हम घुस तो गए निकलने का कोई रास्ता ही नहीं है तो सारे सैनिकों ने पांचाल के द्रुपद के सारे सैनिकों ने कौरवों को दबोच दिया बांध दिया अब बारी आई पांडवों के अंदर घुसने की तो

(03:04) पांडव जो है दूर से ये सब देख रहे थे अर्जुन युधिष्ठिर सब देख रहे हैं वो देखे अरे बाप रे बाप ये तो चक्रव्यूह बना के बैठा हुआ है दुर्योधन को ये दिखा नहीं था क्योंकि उस वक्त चक्रव्यूह बना नहीं था जब दुर्योधन घुस रहा था योजना तो यही थ कि जब दुर्योधन अंदर घुसता चला जाए तब चक्रव्यूह का निर्माण होता चला जाएगा चक्रव्यूह ऐसा ही होता है कि आप जैसे अंदर घुसते चले जाओ वो चक्रव्यूह बनता चला जाएगा और अर्जुन ने दूर से ये सब देख लिया कि चक्रव्यूह बन रहा है बन रहा है बन रहा है दुर्योधन अधर घुस रहा हो तो दुर्योधन तो मरा आएगा और

(03:30) हुआ यही तो अर्जुन ने पहले ही स्ट्रेटेजी अपने बना ली अच्छे से चक्रव्यूह बना रखा है तो एक काम करते हैं चक्रव्यूह भेदन की ये वाली स्ट्रेटेजी है इसको लेकर के घुसते हैं और जब उसकी स्ट्रेटेजी बन गई तो अंदर घुस कर के जाके द्रुपद को ऐसे के तैसे कर दिया उसने और वो जीत भी गया द्रुपद को बंदी बना भी लिया उसने अर्जुन ने अब यहां पे लेसन ये है समझने वाली बात लेसन ये है दुर्योधन क्यों हारा क्योंकि उसको अपोजिशन यानी कि दुश्मन की शक्ति का एहसास नहीं था दुश्मन कितना ताकतवर है दुश्मन कितनी स्ट्रेटेजी बना सकता है दुश्मन कौन सा चाल

(03:59) चल सकता है उसके पावर उसकी शक्ति का एहसास उसको नहीं था हल्के में ले लिया दुर्योधन ने और जाकर के भैया भिड़ गए और पिटाई हो गई फिर बंदी बन गए वहां पर जाकर अर्जुन के साथ उल्टा दुश्मन की शक्ति उसने दूर सेही देख ली हमारी लाइफ में दुश्मन कौन जैसे मैंने कहा कि हमारा मन हमारा मन हम मन के गुलाम हम मन के अकॉर्डिंग गलतियां तब तक करते हैं जब तक हम मन के ताकत को जानते नहीं है अब देखो मन कितना ताकतवर है मन कैसे चाल चलता है हमारे साथ अब जरा समझो कि मन आप पर हावी कैसे होता है मन आप पर वार कैसे होता है मन आपको गुलाम कैसे बनाता है मन आपको पूरी जिंदगी हारा घोषित

(04:30) करने में कैसे लग जाता है मन की स्ट्रेटेजी समझो मन की चाल समझो मान लो आपने कभी देखा है सिगरेट पीने वाला जो चेन स्मोकर होता है कभी शुरुआत में देखा है कि आप में से अगर कोई हो अपनी इस एक्टिविटी ऑब्जर्व करो शुरुआत में चेन स्मोकर क्या शुरू से बन गए थे शुरुआत में एक सिगरेट होता है और वो एक सिगरेट कोई ना कोई दोस्त यार रिकमेंड करता है ले ले यार ले ले ले ले एक सिगरेट से क्या होता है और अपना मन भी फिर उस टाइम क्या कहता है अरे एक ही तो है क्या दिक्कत है मन क्या कहता है उस वक्त एक ही तो है एक से क्या होगा ले ले अच्छा लगा फीलिंग आई बढ़िया फिर दूसरे

(04:57) तीसरे दिन फिर दोस्त टकराया रे ले ले उस दिन तो लिया था तूने नहीं नहीं आज नहीं लूंगा नहीं लगा फिर मन कहता है अरे क्या होगा थोड़ा ही तो लेना है कुछ होगा थोड़ी आदत थोड़ी लगता है ऐसे ही करते करते करते करते पता चलता है कब चेन स्मोकर बन गए पता ही नहीं चला सुबह उठने का अलार्म हम सब ने ना जाने कितनी बार लगाया होगा 4:00 बजे उठना है 5:00 बजे उठना है 6:00 बजे उठना है और सुबह जब अलार्म की घंटी बजती तो हम क्या करते हैं मन क्या कहता है उसम पांच मिनट सो जा मन ये नहीं कहता कि नहीं उठूंगा तो फिर तो आप समझ जाओगे ना मन की चाल मन ऐसे चाल चलता है आपको भनक तक नहीं

(05:24) लगती कि मन कर रहा है आपके साथ काम मन कर रहा है आपके साथ दुश्मनी मन कर रहा है आपको जलील कहता है पाच मिनट बस पाच मिनट और ले ले कहता है ठीक पाच मिनट पाच मिनट में क्या जा रहा है फिर पांच मिनट बता लबा जा अरे पाच मिनट पाच मिनट और कर ले टपर इस बार जो आपकी नींद खुलती है दो घंटे बाद खुलती है सीधा 8:00 बजे 9:00 बजे 10:00 बजे खुलती है अब देखो मन अब 10:00 बजे जो नींद खुली है आपकी चाहे तो आपको जो काम करना है वो 10:00 बजे से शुरू कर दो लेकिन मन उस वक्त आपको क्या कहेगा बेइज्जत करेगा मन कहेगा देखा तुम रोज दो दिन से अलाम लगा रहे हो

(05:50) नहीं उठ पा रहे हो ना नहीं उठ पाओगे तुम तुम्हारे बस का नहीं है ये मन आपको कह रहा होता है और आपको भी फील हो रहा होता है हां यार बात तो सही है बात तो सही क रहा है एक काम करते हैं कल फिर कोशिश करते हैं कल फिर से टाइम से सो जाएंगे कल फिर कोशिश करेंगे और मन उस वक्त भी कह रहा होता है कल भी कहां उठ पाओगे तुम क आप लेकिन कोशिश करते हो नहीं कल भी करेंगे कल भी फिर वही आलम अरे दो दिन से उठ नहीं पाया ऐसे ही नशेड़ी गंजेड़ी दारूबाज बनते हैं दोस्तों के साथ बैठे जान काज के साथ बैठे कहीं पार्टी वाटी में गए अरे एक पैक लो एक पैक

(06:14) में क्या होता है मन कहता है मन कहता है आपको सपोर्ट करता है उसको अरे एक ही पैक तो है ले ले शादी बियाह में फिर कहीं हफ्ते 10 दिन बाद गए वहां भी बोला किसी ने अरे एक ही तो है ले ले मन ने बोला मन ने भी यही बोला एक ही तो है ले ले एक ही तो है ले ले थोड़ा थोड़ा थोड़ा थोड़ा थोड़ा थोड़ा करके मन की स्ट्रेटेजी समझो मन की स्ट्रेटेजी ये होती है कि वो आपसे थोड़ा-थोड़ा काम करवा के आपको उस चीज की आदत डलवा देता है क्या डलवा देता है आदत डलवा देता है और जिस मोमेंट आप आदत के चपेट में पड़ गए अब निकल नहीं सकते सिगरेट पीने की आदत लेट उठने की आदत उटपटांग खाने

(06:46) की आदत आलस्य करने की आदत काम लगातार ना करने की आदत आदत ही तो है कि जो कि आदमी को बर्बाद करके रखती है ये जितने हारे नक्कारे निकम्मे लोग दिखते हैं आपको देख किस वजह से हारे हुए हैं आदतों की वजह से और ये आदत किसी एक दिन में नहीं लगता यह आदत थोड़ा-थोड़ा थोड़ा-थोड़ा करके आपको पूरी तरीके से चपेट में ले लेता है और यह आदत लगाने वाला कौन आपका मन तो सबसे बड़ा दुश्मन सृष्टि में कौन है आपका मन अच्छा हम ये स्ट्रेटेजी अगर आज समझ चुके हैं कि मन इस स्ट्रेटेजी पर काम करता है मन इस स्ट्रेटेजी पर हमको मारता है अब हम भी इसके अगेंस्ट काम करते हैं ना मन के

(07:16) अकॉर्डिंग देखो मन से आप लड़ नहीं सकते मन को आप सीधा बोलो जैसे मान लो आपकी 9:00 बजे सुबह उठने की आदत हो गई और आप सीधा मन को बोलो कल से डायरेक्ट 4:00 बजे उठने की आदत डाल देगा मन बोलेगा बट मन करने नहीं देगा मन को थोड़ा-थोड़ा करके बेवकूफ बनाना पड़ेगा 9:00 बजे उठ रहे हो मन को बोलो कल 8:30 बजे उठते हैं मन बोलेगा ठीक है 8:30 तो कोई दिक्कत नहीं मन उतना अलाव कर देगा 8:30 एक हफ्ते 8:30 उठो ना फिर मन को बोलो एक काम करते हैं 8:00 बजे उठते हैं मन उतना अलाव कर देगा फिर एक हफ्ते बाद बोलो 7:30 उठ लेते हैं मन उतना अ उतना उतना

(07:41) अलाव कर देगा ज्यादा भारी हां काम दोगे मन बोलेगा नहीं नहीं मन से काम करवाने का तरीका है थोड़ा-थोड़ा मन को देते रहो अब जैसे मान लो सिगरेट पीने की आदत मन ने बोला सिगरेट पी ले मन को बोलो एक काम करो अभी अभी नहीं पीते हैं कल पिएंगे आज थोड़ा सा दो-तीन प्लान कर लेते हैं कुछ सेल कर लेते हैं कुछ दोती हज का सेल हो जाए उसके बाद सिगरेट पी लेंगे तो मन भी बोलेगा चलो ठीक है यार क कर लो उसके बाद पी लेना फिर आपका सेल वेल हो गया बोले अब सिगरेट पी लो मन करेगा अब सिगरेट पी लो फिर मन को समझाओ कि नहीं अभी वो वाला काम बचा है जरा उसको

(08:08) कर लेते हैं मन को ऐसे ही बदला लेना पड़ेगा भाई मन से आप लड़ नहीं सकते मन इतना ताकतवर है कि मन से आप डायरेक्टली लड़ नहीं सकते मन जिस स्ट्रेटेजी पर आपसे बदला लेता है ना मन जिस स्ट्रेटेजी पर आप आपको गुलाम बनाता है ना उसी सेम स्ट्रेटेजी पर आपको मन को अपना गुलाम बनाता है और खेल देखो कि मन एक बार जिसका दोस्त बन जाता है मन पर जिसने एक बार काबू पा लिया मन से एक बार जो आदमी काम करवाना शुरू कर दिया दुनिया में किसी का बाप उसको हरा नहीं सकता किसी चीज में मनोबल जहां से हमने सेशन शुरू किया था मैंने कौन सा वर्ड यूज किया था मनोबल मन का बल इससे ज्यादा

(08:39) बलशाली दुनिया में कुछ हो नहीं सकता दुनिया में कोई है ही नहीं मन से ज्यादा ब बलवान बलशाली एरोप्लेन बनाने की कोशिश दो लोग कर रहे थे सेम जगह पर एक फेल हो गया उसके पास पैसा कोड़ी सब था धन था सब था सैमुअल लगले नाम था लेकिन दूसरा राइट ब्रदर्स उसी टाइम पे कोशिश कर रहा था राइट ब्रदर्स के पास पैसा नहीं फेम नहीं कुछ नहीं लेकिन बना दिया राइट ब्रदर्स ने किसकी शक्ति मन की सर दुनिया में जहां सारी ताकतें हार मान लेती है सारे संसाधन खत्म हो जाते हैं सारे रिसोर्सेस खत्म हो जाते हैं वहां पर एक चीज सामने निकल के आती है और अपनी शक्ति का एहसास इंसान को

(09:09) कराती है और उस शक्ति की वजह से इंसान बड़े से बड़े चट्टान को पिघला सकता है वो शक्ति है मन की शक्ति और इससे बड़ी कोई शक्ति नहीं है और यही अगर आप इससे काम करवाना नहीं सीखे तो यही बर्बाद करने वाली शक्ति भी यही है मेरी बात से अग्री कर रहे हो मुझे चैट पे लिख के बताओ यस जल्दी लिख के बताओ यस मेरी बात से एग्री कर रहे हो तो

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