विचारो की शक्ति, आपको मजबूत बनाती हैं | Power of Thoughts | Sagar Sinha

हम जब छोटे थे ना आप लोगों ने भी किया होगा पतंग उड़ाते हैं ना तो हमारे यहां प बिहार में उसको गुड्डी बोलते हैं गुड्डी इधर भी है कोई बोलने वाला है क्या अच्छा ठीक है तो इधर गुड्डी ही बोलते हैं क्या चलो फिर तो भले बछ तो अब गुड्डी को उड़ाएंगे कैसे जिस धागे में उड़ाते हैं वो धागा तो कमजोर होता है तो उसको क्या करते हैं मजबूत बनाने के लिए चूंकि गुड्डी उड़ा रहे हैं तो दूसरे पतंगों से उसको लड़ाना है तो लड़ाने के लिए क्या किया जाता है मैदा गोंद ये सबका कुछ शीशे का टुकड़ा शीशे का भूरा बना कर के उसको एक जगह उसका घोल बनाया जाता है उसके बाद

The Power of Thoughts: Building Strength Within | Sagar Sinha's Insights

(00:30) हां साबूदाना मिलाकर के फिर उसको दो आदमी पकड़ता है एक लटाई इधर लेकर के एक लटाई उधर लेकर के और एक आदमी धागे को मंझा देता है उसके बाद उस मजने के बाद धागे का हसल क्या होता है वह धागा अपने आप में इस लायक बन चुका होता है कि वह जिस भी धागे से टकराएगा उसको हम सबको ऊपर वाले ने धागा बनाया है मंजना हमारे को पड़ता [प्रशंसा] है अब सवाल आता है उनका ही मंथन क्यों शरीर का क्यों नहीं पुराने जमाने में राजा महराजा लोग जो होते थे ना उनको अगर आपने टीवी वगैरह में देखा होगा तो उनका स्थान सबसे ऊपर होता था नीचे सारे वो मंत्री संत्री वो लोग बैठे होते थे और वो राजा जो

(01:12) है ऊपर बैठता था अच्छा मुझे एक बात बताओ वो जितने लोग मंत्री संत्री सेनापति सब लोग नीचे होते थे वो सब अगर मिल जाए तो राजा की पिटाई नहीं कर सकते थे क्या बड़े आराम से राजा को हरा देते राजा को गुलाम बना कर के जेल में डाल सकते थे लेकिन कोई भी इस चीज की हिम्मत तक नहीं करता क्या राजा के शारीरिक शक्ति की वजह से यानी कि एक चीज तो समझ में आता है है जिसकी शक्ति इधर है सर दुनिया का बड़ा से बड़ा धुर्र उसके नीचे ही [प्रशंसा] बैठेगा और वैसे भी शिवजी की जब शादी हुई थी ना मां सती से तो शादी करके हम लोग लड़की को अपने घर लाते हैं ना तो शिवजी भी

(01:48) अपने घर लेकर के आए मां सती को और शिवजी का घर कौन सा कैलाश हिमालय पहली बार सती उधर गई थी तो सती जब हिमालय गई तो अच्छा सती रहती कहां थी पहले धरती पर और हिमालय गई तो एकदम थंड में कुरने लग गई कांपने लगी और अपने शिवजी क्या शिवजी तो वो शेर के खाल लेकर के ऊपर कुछ पहनना नहीं है वो चले जा रहे हैं वो तो बचपन से उधर ही रह रहे है तो उनको कोई दिक्कत नहीं सारे नंदी शिवगंज भूत प्रेत जो है वो सब चले जा रहे हैं उनको कोई फर्क नहीं पड़ रहा लेकिन सती जो है किर रही है ठंड तो नंदी के ध्यान नंदी का ध्यान पड़ता है सती पर तो नंदी चुपके से शिवजी के पास कहते हैं कि प्रभु

(02:17) माता कुहर रही है ठंडा लग रहा है माता को कुछ उपाय कीजिए तो शिवजी मुस्कुराते हुए कहते हैं देखो ये जो ठंड है ये जो तकलीफ है ये शारीरिक तकलीफ है और जिस इंसान में मानसिक शक्ति है ना शारीरिक बड़ी से बड़ी तकलीफों को वो जीत सकता है तो कहने का मतलब ये शिवजी उसे ये समझाना चाहते हैं कि अब चूंकि सती को यहीं रहना है तो उसको अपने अपने को अपने शरीर को इस लायक बनाना पड़ेगा कि वो ठंड को बड़े आराम से झेल पाए अच्छा और ये चीज पॉसिबल कब है शिव जी कहते हैं एक प्रक्रिया है अभ्यास अभ्यास एक ऐसी प्रक्रिया है जिसकी वजह से दुनिया में कोई

(02:48) भी ऐसा प्रोसेस ऐसा कोई काम नहीं है जिस पर आदमी उसका मालिकाना हक ना ले सके तो ठंड कौन सी बड़ी बात सती प्रयास में लग जाएगी अभ्यास में लग जाएगी आज से क्योंकि रहना उसको यही है तो यूज टू हो जाएगी नंदी समझ गए बात को और ये सारी बातें सती भी सुन रही थी तो वो भी समझ गई यानी कि ये सब बताने का मकसद क्या है इट्स ऑल अबाउट मन सफलता का कोई एंड नहीं है इस जगह पर पहुंच गए हम सफल हो गए एक प्रक्रिया है जो हमारे को जिंदगी भर करना है एक प्रक्रिया है जब तक सांसे हम ले और छोड़ रहे हैं हमारे कोई प्रक्रिया अपनी जिंदगी में रखे रखना है

(03:18) करते ही रहना जिस दिन ये प्रक्रिया छूटी फ्रस्ट्रेट होने लग जाओगे और जिस दिन फ्रस्ट्रेशन आने लग गया सर आप जिस भी मुकाम पर हो आपको एक ठहराव महसूस होगा अब मेरी जिंदगी ठहर रही है आगे बढ़ नहीं र और वहीं से आदमी डिप्रेशन और फिर सुसाइड तक जाके रुकता है उस प्रक्रिया को कहते हैं सर बेहतर होने की प्रक्रिया खुद में बेहतरी लाने का खुद को अच्छा बनाते रहने का अपनी स्किल को एवरी डे इंप्रूव करते रहने का स्किल फिजिकल लेवल पे मेंटल लेवल हम बेहतर बनते रह गए पूरी जिंदगी कभी वो लेवल नहीं आएगा जब आपको ठहराव महसूस होगा हमारे गुरुजी कहते थे कि इंसान को सबसे

(03:48) ज्यादा खुशी तब होती है जब वो जिंदगी में प्रोग्रेस करता है और सुबह-सुबह फ्रेश हो जाता है ये दो मोमेंट होता है जो आदमी खुश रहता है जो आदमी सुबह-सुबह फ्रेश ना हो पाया उसकी हालत पूरे दिन देखो चेहरे पे खुशी नहीं आएगी और जो आदमी ठहर गया है चाहे किसी भी मुकाम पे जाके वो फ्रस्ट्रेट हो जाएगा फिर वो डिप्रेशन में चला जाएगा फिर तो आज के सेशन में जो हम सीखेंगे आज हम बेहतर बनना सीखेंगे कामयाब होने नहीं सिखाने वाला भा और कामयाब होना कोई सिखा भी नहीं सकता बेहतर बनते रहे तो एक दिन कामयाब भी हो जाएंगे तो बेहतर बनने के लिए आज 18 लेसन आपके लिए मैं लेकर के आया 18 लेसन जिसमें से पहला लेसन है आप ध्यान से समझिए

(04:16)  अब हो गया शनि मा शरू सर पहला लेसन है उचित समय का महत्व विचारों की शक्ति को समझो सर हमारे दिमाग में जितने भी थॉट जितने भी विचार आते हैं ना ये सब सीधा वायुमंडल से यानी कि सृष्टि ये जो बाहर की दुनिया है जो हमें दिखता नहीं है ये सब इससे इंटरेक्ट करते हैं सब इससे बातें करते हैं हमारे दिमाग में चाहे जिस भी तरह का सोच चल रहा हो ना ये सोच जब तक अंदर है हम इसकी परिभाषा सोच से कहते हैं और ये सोच जैसे ही वायुमंडल में आता है इसको एनर्जी हम कह देते हैं दुनिया में हर चीज एक दूसरे से इंटरेक्ट करती है एनर्जी के

(04:46) माध्यम से ऊर्जा के माध्यम से फॉर एग्जांपल आप अगर कोई काले रंग की फुर लेकर के आया आपके मोहल्ले में बगल में और आप देख कर के आपकी आपका दिमाग सड़ जाए सड़ जाए कहने का मतलब मानो खड़ जाए अरे हम तो स्कूटी नहीं ले पाए और फर ले वाले जरूर दो नंबर का काम किया होगा जरूर पैसा मारा होगा जरूर कुछ गड़बड़ कर रहा होगा अच्छा जब सुबह नीचे उतर रहे हैं यही यही दिख रहा है ब्लैक वाला फर्चर उसका और देख कर के मूड खराब हो जा रहा है तो एक दिन सर ये सोचते सोचते सोचते सोचते अपने घर से आप छोटा सा क्लिप लेकर के आओगे ब्लेड लेकर के आओगे और नीचे उसके मारते हुए निकल जाओगे

(05:16) और उस दिन आपको बड़ा तसल्ली फील होगा अच्छा लगेगा अच्छा किया बुरा किया बुरा किया ना अब ये जो आपने काम किया ना सर वो मारने वाला उसका पेंट उखाड़ने वाला वो एक दिन तुरंत नहीं हुआ पिछले कुछ दिनों से आपके दिमाग में एक सोच घूम रहा था वो सोच कैसी डिस्ट्रक्टिव नेगेटिव और वायुमंडल में जब वो एनर्जी बन के जा रही थी तो वायुमंडल ने क्या किया आपको एक आईडिया दिया एज अ रिटर्न एज अ रिजल्ट आपको वो आईडिया दिया कि तू यह काम भी कर सकता है कर ले आप कुछ भी सोचो या या ये भी सोच सकते थे उस फुर को देखकर अरे बड़ा बढ़िया गाड़ी लेकर के आया ब्लैक एकदम चमचमा रही

(05:48) है मेरा भी मन है फर्चनर लेंगे लेकिन हम वाइट कलर का लेंगे बड़ा मेहनत किया होगा इसको लाने के लिए अच्छा उससे जाक मिलने लग गए कि कैसे लिए भैया क्या काम करते हैं पता रे बड़ा साल से मेहनत कर रहे हैं अब जाके मेरा सपना पूरा हुआ सपना था फ लेना अब जाके आप रोज जब जब उसको देखोगे आप में एक प्रेरणा आएगी मोटिवेशन आएगा हमको भी लेना है हमको भी लेना है हमको भी लेना है सुबह जा रहे हो उसको देख करके और बाहर निकल रहे हो काम करने के लिए तो एकदम रहेगा मोटिवेशन फर्च लेना है यानी कि जिस तरह की सोच है सर उसी तरह का वायुमंडल आपको रिस्पांस करता है अगर आपकी सोच को  कोई चीज अंजाम तक पहुंचाता है ना वो सिर्फ एक चीज है वायुमंडल यह सृष्टि और कुछ नहीं ब

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