धैर्य और ताकत आपको बेहतर बना देंगे | Patience And Strength | Motivational Video by Sagar Sinha

(00:00) धैर्य और ताकत हम क्या सीख रहे हैं हम सफल होना नहीं सीख रहे हैं हम क्या सीख रहे हैं हम बेहतर होने के तरीके सीख रहे हैं बेहतर होने के बेहतर बनने के बेहतर बनते रहिए सर कामयाब तो एक दिन बन ही जाएंगे कामयाबी परिणाम है बेहतरी का हम कामयाबी के लिए पागल परेशान रहते हैं कब सक्सेसफुल होंगे लेकिन जो आदमी बेहतरी के लिए पागल है रोज कुछ ना कुछ अपने में बदलाव कर रहा है बेहतर कर रहा है पढ़ रहा है लिख रहा है मेहतर मेहनत कर रहा है एक ना एक दिन तो पहुंच ही जाना है उसको धैर्य और ताकत ये देखिए लेसन का नाम क्या है धैर्य और [संगीत]

धैर्य और ताकत आपको बेहतर बना देंगे Patience And Strength Motivational Video by Sagar Sinha

(00:34) ताकत मैंने सिर्फ धैर्य नहीं कहा मैंने कहा धैर्य और ताकत क्योंकि धैर्य बिना ताकत के आ भी नहीं सकती और किसी आदमी के पास अगर ताकत नहीं है वो धैर्यवान है तो सर वो धैर्यवान नहीं है वो कमजोर है समझाता हूं एग्जांपल दे के ध्यान से समझिए अच्छा आप लोग को ये पता है कि तंत्र विद्याओं तंत्र विद्या एजिस्ट करती है आप मानो या ना मानो और ये तंत्र विद्या भगवान शिव का दिया हुआ है आप जितने देखेंगे अघोरी या जो लोग बहुत एक्सट्रीम पावरफुल लोग होते हैं जिनको दुनिया से मतलब नहीं है फटे पुराने कपड़े कुछ नहीं कैसे भी रह रहे हैं बाल जटा उटा बनाए हुए हैं वो सब

(01:05) आपको भगवान शिव के भक्त मिलेंगे तंत्र विद्या के पुरानी पुजारी मानने वाले इस्तेमाल करने वाले भगवा सब आपको भगवान शिव के भक्त मिलेंगे या तो भगवान शिव या मां काली के भक्त मिलेंगे मां काली कौन काली काल ई काल कौन भगवान शिव भगवान शिव का स्त्री रूप काली तो काली भी किसकी रूप है भगवान शिव की तो जितने भी तंत्र विद्या के खिलाड़ी आपको मिलेंगे ये तो काली के भक्त या भगवान शिव के भक्त हुआ क्या जब तंत्र विद्या को दुनिया में लाना था तो भगवान शिव ने कहा पार्वती को कि मैं तंत्र विद्या भगवान दुनिया को देना चाहता हूं क्योंकि इससे समाज की भलाई बहुत हो सकती

(01:37) है लेकिन इससे समाज का बुरा भी हो सकता है अगर गलत लोगों के हाथ में ये पड़ा तो वो बर्बाद करेंगे अगर अच्छे लोगों के हाथ में पड़ा तो वो समाज के हित के लिए काम करेंगे तो उन्होंने पार्वती को बोला जब शादी हो चुकी थी पार्वती की तब तो मां पार्वती बोली ठीक है हमको दीजिए तो शिवजी बोले लेकिन तंत्र विद्या इतना आसान नहीं है इसको लेने के लिए बहुत मेहनत और बहुत कड़ी तपस्या लगेगी कई-कई दिनों कई-कई महीनों तक सोना नहीं पड़ेगा मतलब बैठ गए हैं हैं तो बैठ गए हैं बोलो इतना कर लोगी बोले हां प्रभु कर लेंगे आप कराइए तो बिल्कुल कर लेंगे तो शिव जी बोले कि जब तक हम तुमको

(02:06) तंत्र विद्या सिखाएंगे तब तक हम तुम्हारे पति नहीं रहेंगे भूल जाना हम तुम्हारे गुरु बनके तुमको सिखाएंगे इस ज्ञान की प्राप्ति हेतु तुम्हें मुझे अपने गुरु के रूप में स्वीकार करना होगा काहे बोले अपना सेफ्टी के लिए पति डांट थोड़ी सकता है गुरु डांट सकता है तो सेफ्टी ले लिए अपना शिवजी बोले गुरु मानती हो बोले हां मानते हैं तो शुरू किए यज्ञ यज्ञ चल रहा है पार्वती जी उधर बैठी है शंकर जी इधर बैठे हैं अपना दिखा रहे हैं सीखते सखते कई दिन महीने बीत गए बैठे बैठे बैठे अब मां पार्वती का शरीर उतना है नहीं कि भाई इतने लंबे समय तक बैठ सके उनको

(02:37) नींद आने लग गई सुनते सुनते सुनते सुनते सुनते सो चुकी है बैठे बैठे शिवजी की नजर पड़ी सो चुकी शिवजी गरमा गए फम में आ गए उ गलती गलती प्रभु अब ऐसे नहीं करें गलती गलती एक बार और कराइए अब कृपया इस ज्ञान को पुन आरंभ कीजिए बोले पक्का बो हा कराने लग गए फिर से फिर थोड़ी देर बाद फिर न नर पड़ी इस बार एकदम शिवजी का गुस्सा मालूम है कैसा है सृष्टि के सबसे शांत व्यक्ति अगर शिव है तो सृष्टि के सबसे गुस्सैल व्यक्ति भी शिव है सृष्टि में आपको जो भी मिलेगा सृष्टि के सबसे खूबसूरत अगर कोई है तो वो शिव है लेकिन सृष्टि के सबसे भयंकर

(03:13) अगर कोई है वो भी शिव है सृष्टि अगर सृष्टि के किसी को भी बचा सकते हैं तो वो शिव हैं लेकिन किसी को भी बर्बाद करने वाले भी शिव है नहीं महाकाल काल नहीं है वो कालों के भी स्वामी महाकाल तो गरमा गए पार्वती बोले तुम्हारे बस का नहीं है गुस्से में बोले कि भाई इसके लिए बहुत धैर्य चाहिए और धैर्य अगर सीखना है तो एक काम करो जाकर तुम पुनर्जन्म लो एक नया जन्म लो कहां जन्म लो मछुआरों की बेटी बनो और तब जाके जब उनके साथ रहोगे कि मछली पकड़ने में कितना धैर्य लगता है तब तुम वापस मेरे पास आना तब तुमको सिखाएंगे गुस्से में शिव जी बोल दिए बोल के चल

(03:46) दिए पुन बच वालो के साथ जन्म लो और उनसे सीखो की क्या होती है एकाग्रता तंत्र ज्ञान का अपमान करने का यही पश्चाताप है अब पार्वती जी इमोशनल बोले ठीक है अब शिव जी बोले तो करेंगे हम बाद में अच्छा शिवजी उतना ही इमोशनल भी हैं नंदी जाके समझा रहे हैं शिव जी को शि प्रभु इसने क्या बोल दिया पार्वती जी दोबारा जाके जन्म लेंगे एक तो बड़ी मुश्किल से शादी हुआ है इतना अब कैसे नंदी को बोले जितना दुख तुमको हो रहा है जितना दुख पार्वती को हो रहा है उससे ज्यादा दुख हमको हो रहा है भाई मुझे भी उतनी ही व्यथा और वेदना होती है जितनी संभव ता तुम्हें लेकिन क्या करें

(04:18) जरूरी है सृष्टि को देना है यह विद्या और पार्वती के जरिए ही जा सकता है ये तो पार्वती जी दोबारा अपना शरीर त्याग करके वापस मतस्य की बेटी बनके मतलब मछुआरों की बेटी बनके फिर से जन्म लेती है अच्छा जब जन्म लेती है बचपन से उनको मछली पकड़ने की ट्रेनिंग दी जाती है मस्या जाल पर अच्छी पकड़ बनाए रखना मछलियों की कुछ ऐसी प्रजातियां भी हैं जो नौका को भी चबा सकती है आप निश्चिंत रहिए पिताजी मैं उस मछली को ये अवसर ही नहीं दूंगी आपको अगर धैर्य की दिक्कत हो ना तो ये लेसन आप भी अपना सकते हो कभी मछुआरों के साथ जाकर के कुछ दिन रहिए जो एकदम ट्रू

(04:53) वाले मछुआरे होते हैं देखो कितने समय तक जाल फेंक करके वो इंतजार में रहते हैं कि कब मछली आएगी तब तक उनका ध्यान नहीं भटकता हम हम कहते हैं अरे तीन दिन से हम लगे पड़े हैं कुछ काम ही नहीं बन रहा तरक्की नहीं हो रहा कुछ हो ही नहीं रहा छोड़ हटा दूसरा काम पकड़ लेते हैं वो नहीं छोड़ते पूरे दिन अगर नहीं मच्छी मिली अगले दिन अगले दिन तीसरे दिन वो तब तक इंतजार में रहते हैं ताक में रहते हैं जब तक मछली ना आए तो पार्वती ने पूरी जिंदगी मछली पकड़ने की प्रैक्टिस करी धैर्य का लेवल उनका तब जाके वापस दोबारा शिव जी से शादी होती है और तब जाके तंत्र विद्या पार्वती जी को

(05:22) सिखाते हैं [प्रशंसा] धैर्य जिसको हम बहुत लाइटली लेते हैं अरे धैर्य क्या ठीक है अ अक्षर का तो धैर्य क्या धीरज क्या क पेशेंस र पेशेंस रखले बहुत पेशेंस नहीं है सर नहीं जिसम है वह बादशाह है जिसम है व राजा है नौकर में पेशेंस नहीं है चार बात सुना दो है तुमको बर्तन धोने नहीं आता है बर्तन झूठा छोड़ दि छोड़ दो हम काल से कम काम नहीं करेंगे हम जा रहे हैं कहीं और उस वक्त अगर सच्चा मालिक है तो व ऐसे रिएक्ट ही नहीं करेगा कोई बात नहीं छूट गया ना ऐसे कर लो ऐसे ठीक जितने मैच्योर आदमी आपको मिलेंगे ना सब शांत मिलेंगे आपको और जितने गधे बाकलोल आदमी मिलेगा वो

(06:16) तम तमाया हुआ मिलेगा बड़ा आदमी शांत होता है बड़ा आदमी का बड़ा पैसे से बड़ा नहीं है विचारों से जिसको देख करके जिससे बात करके आपको कुछ फील आ जा रहा है यार ये आदमी इससे मिल कर के अलग ही फील होता है ऐसा वाला राम जी का धैर्य देखो पत्नी छोड़ के चली गई छोड़ के चली गई कहने का मतलब रावण जब लेकर गया था सर आम आदमी की पत्नी को अगर कोई उठा ले ना एक हफ्ता इंतजार करेगा वो उसके बाद देखो दूसरी ये तो गई है वापस नहीं आएगी कहां ढूंढे कौन लेके गया क्या पता कौन लेके गया दूसरी कर लाओ ऐसे थोड़ी रहेंगे जिंदगी पड़ा है पूरा सर कई महीने उनको तो सिर्फ यह पता करने में लग

(06:50) गए कि किस दिशा में लेकर गया है सीता को और कौन लेके गया है और एक साल लगा उनको 13वें साल में थे वो 14 साल का बनवास था ना 13वें साल में सीता जी का हरण हुआ था और पूरे एक साल लग गए लंका युद्ध खत्म करते करते कहते हैं जिस दिन लंका युद्ध खत्म हुआ था ना जब रावण को मारे थे तो 14 साल पूरे होने में सिर्फ दो दिन बचा था तो राम जी चिंता में थे कि अब तो दो ही दिन बचा है भैया हमको वापस भी जाना है क्योंकि उधर भरत ने कसम खा रखा था कि भैया 14 साल पूरा होते हुए भी अगर एक दिन भी आपने लेट किया तो हम सुसाइड कर लेंगे परंतु एक बात याद रखना भैया 14 वर्ष के बाद यदि आपने

(07:29) आने में एक दिन की भी देरी की तो इन चरणों की कसम खाकर कहता हूं आप अपने भरत की चिता जलती देखेंगे एक दिन भी ले कसम खाके बैठा है राम टेंशन मेरे दो दिन बचा है अब अब कैसे पहुंचेंगे हम दो दिन में 14 वर्ष की अवधि पूर्ण होने में मात्र दो दिन शेष है हमने भरत को वचन दिया था कि वनवास काल की अवधि पूरी होते ही अयोध्या लौट आएंगे और भरत ने शपथ ली थी यदि एक दिन की भी देर हुई तो वो जलती चिता में कूद जाएगा तब जाके विभीषण आईडिया दिया ये पुष्पक विमान है ना ये मन की गति से चलता है आइए बैठिए इस गए हमारा पुष्पक विमान किस दिन काम आएगा प्रभु यह वही विमान है जो महाराज

(08:13) रावण कुबेर से छीन कर लाए थे सर एक साल का धैर्य पत्नी को वापस लाने के लिए 14 साल का धैर्य बाऊ जी के वचन को पूरा करने के लिए 14 साल सुग्रीव को जब जिताए थे ना बाली से जब राजपाट दिलाए थे सुग्रीव को तो जब दिलाए थे तो उस वक्त बरसा ऋतु आ गई थी अच्छा जब बरसा ऋतु आ गई है तो समुंदर में पुल बना नहीं सकते तो प्लानिंग ये थी अब समुंदर लगेंगे कैसे भैया बारिश का मौसम आ गया है तो सुग्रीव को बोले काम करो बरसा र तो तीन महीने का है तीन महीना अपना राजपाट आप संभालो थोड़ा जा कर के रेस्ट करो हमको तो यहीं जंगले में रहना है न महीने का फिर

(08:44) से पेशेंस सोच के देखो पत्नी ज चली गई है पता नहीं दुश्मन क्या कर रहा होगा वहां पत्नी के साथ कैसा बिहेव कर रहा होगा पत्नी कितनी कष्ट में होगी कुछ पता नहीं है तीन महीने का फिर से पेशेंस सुग्रीव को दिए जाके एंजॉय करो भैया बरसा री तो कुछ नहीं कर सकते सुग्रीव जाकर के उधर शराब सवाब लिफ लक्ष्मण आए हड़का आए तुमको बोले थे तीन महीने बाद वापस होने के लिए तुम क्या ये सब कर रहे हो तो सुरी बोले भैया माफ कर दो अब नहीं करेंगे चलो वापस तीन महीने का फिर से पेशेंस जब समंदर लांग की बारी आई तो समंदर के आगे फिर तीन दिन का पेशेंस वो राम है प्रभु है विष्णु के रूप

(09:17) है चाहे तो समंदर को ऑर्डर दे सकते हैं खाली कर यहां से जाना है हमको बनती कर रहे हैं रास्ता दे दो एक दिन बीत गया कुछ नहीं कोई रिस्पांस नहीं अगला दिन विनती दे दो दे दो रास्ता तो पूरा दिन बीत गया कोई रिस्पांस नहीं समंदर तीसरा दिन खत्म ही होने वाला था तब जाके धैर्य टूटा ये लग रहा है अब नहीं मानेगा निकाल खत्म कर देते हैं आज तब जाके समंदर आता है प्रभु गलती फिर तीन दिन का पेशेंस आज तो पा मिनट का पेशेंस नहीं है भाई भाई को कुछ बोल दे 5 मिनट में सर कट्टा उटा सब निकल जाता है रिश्तों की अहमियत क्या है वैल्यू क्या है आज के टाइम

(09:53) में कोई वैल्यू नहीं है जमीन की वैल्यू है रिश्तों की नहीं पैसों की वैल्यू है रिश्तो की नहीं दो भाई जब छोटे होते हैं ना तो बचपन में एक दूसरे के लिए जान देते हैं स्कूल में कोई किसी को चार लप्पल अगर मार दे ना छोट के भाई को तो बड़का भाई दौड़ कर आता दोनों मिलकर खूब लड़ कर धोता है उसको लेकिन जैसे जैसे बड़ा होता चला जाता है जब कोई बाहर का आदमी धोता है ना छोटे भाई को बड़ा वाला खुश होता है अच्छा है मर जाए जमीन नहीं देना पड़ेगा पैस सब हमरा हो जाएगा बदलता नहीं चला जाता ऐसा कृष्ण का धैर्य देखो भैया हम तो मामूली आदमी लेकिन हमारे को बोल दे कोई तुम्हारा

(10:33) कैरेक्टर ठीक नहीं है जहां जिस लड़की को देखते गड़बड़ होते हो दूसरे का पैसा दे कर के मुह डोल जाता है तुमको कुछ आता नहीं निकम्मा हो भगौड़ा हो हमको अगर कोई बोल तो हम गरमा जाते हैं रमाते हैं ना तो भगवान है क्या नहीं बोला कह रहा है द्रोपदी को तुम सखी बोलते हो ना सब पता है हमको द्रोपदी के साथ तुम्हारा क्या चक्कर है सखा सखी सखा की संबंध की आड़ में क्या रासलीला रचा रहा है तू ये मैं भली बात जानता हूं कह रहा है तुम वासुदेव बोलते अपने आप को विष्णु का रूप हो घंटा कोई रूप नहीं तुम भगोड़े हो जरास के डर से भाग गए थे तुम अब सारे मथुरा वासी को लेकर भागे जाके

(11:15) द्वारका बसाए भगड़े कहीं के और कहता भगवान का रूप है तुम कूटनीति करते हो क्या नहीं बोला 100 गाली 100 बेज्जती हमारी औकात नहीं हम दो भी सुनले 100 सुने 100 के बाद ही तो सुदर्शन निकाले गर्दन गाड़े बोले अब बहुत हो गया भाई शिशुपाल अब नहीं वचन दिए थे तुम्हारी मैया को कि 100 तक माफ करेंगे अब तो धैर्य और ताकत मैंने बोला इसीलिए क्यों ताकत थी उड़ाने की लेकिन फिर भी धैर्य था ताकत थी समंदर को तबाह करने की फिर भी तीन दिन का धैर्य था ताकत थी हनुमान को यूं बुला कर के उधर लंका जाकर के खेल खत्म करने का फिर भी साल भर तैयारी की है ताकत थी कि बाऊ जी का वचन ना मान के
(11:57) अच्छा बाऊज ने खुद बोला था उनको जब जाने की बारी आई बाऊ जी बोले राम भाई हम तुमको भेज नहीं सकते यार बाऊ जी रो रहे हैं बहुत अथान करते थे राम जी से रो रहे हैं हम नहीं भेज सकते एक काम करो तुम हमको जेल में डाल दो भाई तुम हमको जैसे ही जेल में डालोगे सेना तो तुम्हारे पास है ही तुम राजा बन जाओगे और हमको जेल में डाल देना इससे होगा क्या मेरा वचन भी नहीं टूटेगा कई-कई को क्या वचन दिया था कि हम तुमको भेजेंगे वनवास अब कई-कई को हम बोल देंगे हम राजा देखो रहे नहीं हमको जेल में डाल दिया तो हम क्या कर सकते हैं तो मेरा वचन भी रह गया और तुमको जंगल नहीं जाना पड़ेगा
(12:27) ये बाऊज खुद आईडिया दे रहे हैं मतलब वो क्या बाप अपने को जेल में डलवाने को तैयार है लेकिन बेटा जंगल ना जाए सर ताकत थी वो मना कर सकते थे नहीं हम नहीं जाएंगे ठीक है जेल में भेजना भेजते है फिर भी गए धैर्य ताकत के साथ ही आता है कमजोर आदमी अगर गाली सुन रहा है मार खा रहा है उसकी तारीफ नहीं होती सर किसी की दुनिया कोई उजाड़ सकता है इतनी ताकत है कि आपका घर बर्बाद कर दे फचर भी है ए 47 भी है पीछे मंत्री मिनिस्टर सबका सपोर्ट है लेकिन फिर भी जब मिले तो आपसे हाथ जोड़ के बात करें सर वो ताकतवर है ना और ऐसा आदमी धैर्य जब दिखाता है तो वो धैर्य है लेकिन जिसके पास
(13:10) ताकत ही नहीं है वह चार गाली भी सुन रहा है और बोले हम धैर्य धैर्य नहीं तुम कमजोर हो बेटा तुमरे पास ताकत उखाड़ क्या लोगे चार क्या 400 सुनना पड़ेगा तुमको रहोगे औकात त तुम्हारी है इसीलिए कहा धैर्य और ताकत

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