Podcast With Sangram Singh: Wrestler, Big Boss Finalist, Bollywood Actor | SAGAR SINHA

तो मैं सबसे पहले जानना चाहूंगा आप रेसलिंग में कैसे कूदे काफी गमल फैमिली से बिलोंग करता हूं हमारे पहरे जूते नहीं होते थे बस का किरा नहीं होता था जो ढंग से बोल बोल नहीं सकता था अटकता था अब मैं रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया का पहला ब्रांड एस्टर बना ऑफिशियल मोटिवेशनल स्पीकर बना इंडियन आर्मी के साथ स्पीकर बना बहुत शाय था इंडिया के मौका मिला सारे रियलिटी शोज किए कई भी कई ड्रेस सीरीज की शो होस्ट किए मौका मिला मिट्टी कुश्ती खेली फिर मौका मिला मेट पे अपनी कंट्री को रिप्रेजेंट किया प्रोफेशनल रेसलिंग में मौका मिला वर्ल्ड का बेस्ट प्रोफेशन रेसर भी बना

Podcast With Sangram Singh: Wrestler, Big Boss Finalist, Bollywood Actor | SAGAR SINHA

(00:28) फट चैंपियन भी बना रेसलिंग के बारे में थोड़ा जानना चाहूंगा आपसे क्या होता है अंदर और साथ में उसके बारे में भी डब्ल्यूडब्ल्यूई जो होता है क्या वो रियल होता है क्या थोड़ा सा बिग बॉस के बारे में आपसे डिस्कस करेंगे बिग बॉस का इनसाइट्स क्या रहता है जो टीवी प दिखता है जो लोग जानते हैं क्या वही अंदर हो रहा होता है या अंदर कुछ और खिचड़ी पकती है ये जो पार्ट आपने बोला कि विल पावर से हमने ठीक किया कैंसर ठीक हो गया भयंकर भयंकर बीमारियां ठीक कर दी विल पावर से कैसे थोड़ा सा इसको ब्रेक अप करके मैं डिटेल जानना चाहूंगा आज भी अगर मैं काम नहीं करू

(00:53) ड़ी नहीं ना तो तीन चार दिन में मेरी आवाज ताने लग जाती है ना बोलने से तो जब मैंने इस बीमारी को ठीक किया तो बड़े डॉक्टर कहते थे कि ये ठीक हो ही नहीं सकता मेरे अकाउंट में होते थे मुझे ढाई के को ड्रंक का डाया था आप अभी बता रहे थे कि आप बहुत सारे लेवल प एंबेसडर हैं स्वच्छता अयान वो पूरी लिस्ट एक बार मुझे कैमरे प जाननी है इकलौता ऐसा पॉडकास्ट इंटरव्यू जो भी कह लो मोटिवेशन की खान है पूरी ये तो जिसको भी मुझे लग रहा है मोटिवेशन की जरूरत हो या बहुत सारे मोटिवेशन स्पीकर को सुनने हो ये एक इंटरव्यू वो सारे का काम कर सता है तो

(01:21) संग्राम सिंह जी कैसे हैं आप सागर जी मैं बहुत अच्छा हूं और आप से मिल के और ज्यादा अच्छा थैंक यू वेरी मच सो मैं बड़ा बहुत दिनों से क्यूरियस था आपसे मिलने के लिए आपसे बहुत सारी बातें करेंगे अबाउट रेसलिंग अबाउट योर जर्नी सक्सेस फेलियर और सबसे बड़ी बात एक स्पोर्ट्समैन से जो सीखने को मिलता है कंपट माइंडसेट ल लड़ते रहने की डटे रहने का वो माइंडसेट वो जज्बा कैसे डेवलप किया जाता है इन सारी चीजों के बारे में आज हम सीखने वाले हैं आपसे जी वो तो जिंदगी केग मैं आपसे सीखू कुछ थोड़ा बहुत जो मुझे हल्का फुल्का पता है व मैं आपको बता दूंगा तो मैं सबसे पहले जानना

(01:55) चाहूंगा आप रेसलिंग में कैसे कूदे एक बहुत रेयर फील्ड है ये देखिए मैं शुरू करने से पहले बता रहा हूं कि मेरी जिंदगी में जो मेरा मोटिवेशन है ना वो मेरा रिजेक्शन मेरा मोटिवेशन रिजेक्शन मोटिवेशन ओके क्योंकि क्या था कि मैं एक छोटे से गांव में बहुत अंबल फैमिली में जन्म हुआ हरियाणा के पास मेरा गांव पड़ता है रोत डिस्ट्रिक मदीना तो वहां पर क्रिकेट का बेट आता था उस टाइम 30 40 50 का इतने पैसे होते नहीं थे बैडमिंटन है या टेनिस है या बाकी खेल होते नहीं थे एक लंगू उठाता था पाचर का रप कभी मां ने सीन दिया कभी बहन ने सीन दिया और फिर क्या था कि एक बार गांव में

(02:38) मैंने मिट्टी कुस्ती देखी दंगल टाइप होता है ना मिट्टी कुस्ती देखी तो पहलवानों को घी मिल रहा दूध मिल रहा पैसे मिल रहे मैंने सोचा कार मेंही पहलवान हो होता मर मैं बीमार था उस टाइम मुझे टिक अर्थराइटिस था क्या होता हैय ये एक ऐसी बीमारी होती है जिसको गठिया बा बोलते हैं ओके पहले दर्द पैर से स्टार्ट हुआ था फिर मेरे हर जॉइंट में आ गया तो मैं अपने हाथ से अपना म धो पाता था तो जैसे एक टाइम ऐसा आ गया था कि मैं मुंह खोलता तो उसमें दर्द होता था और मुझे आज भी याद है कि डॉक्टरों ने बोला था कि बीमारी डेथ के साथ खत्म होती है घर वालों ने यहां से पैसे लिए वहां से

(03:16) पैसे लिए क्योंकि मैं काफी घमल फैमिली से बिलोंग करता हूं मैं जहां से आया तो हमारे पैर जूते नहीं होते थे बस का किरा नहीं होता था तो बहुत यह बीमारी ऐसी ी आज मेरे पैर कीला मुड़ी हुई ओके जैसे मैं वो देखता हूं तो मेरे पैर की उंगली आज भी बड़ी होंगी ओके तो ऐसे पूरी बॉडी में होता कि आप इस बीमारी ऐसी होती है जिससे आप डॉक्टर बोलते कि इसका 99.

(03:42) 9 पर ठीक नहीं होती और मैं कहता हूं कि हर चीज क्यूरेबल है ये ठीक हो सकती है तो मेरी मेरी माता जी मुझे कई जगह लेकर जाती थी जैसे गोद में दो तीन किलोमीटर के उनके पास पैसे नहीं होते थे उसके भैया बस में किसी कभी किसी देसी वैद के पास कभी डॉक्टर के पास उनको पता ही नहीं होता था इस बीमारी का फिर बीमारी उनकी मेहनत से और मेरे विल पावर से हमने इस बीमारी को दूर किया एक बच्चा जो कभी खड़ा नहीं हो सकता था चल नहीं सकता था ढंग से मतलब वो करके तब नेचर गोल के लिए जाना मुश्किल होता था फिर रेस्तर बना मुझे आज भी याद है एक बार अखाड़े में गया था दोस्त को बोला कि दोस्त

(04:19) को कि मुझे अखाड़े में लेकर चलो यार मैं अखाड़े में गया ये अखबार में लिखते भील चर सब इतने पैसे कहां होते थे मैं आपको इंटरप्ट करूंगा ये जो पार्ट आपने बोला कि विल पावर हमने ठीक किया एक्चुअली हमने सुना था बहुत लोगों का कि कैंसर ठीक हो गया भयंकर भयंकर बीमारियां ठीक कर दी विल पावर से कैसे थोड़ा सा इसको ब्रेक अप करके मैं डिटेल जानना चाहूंगा ये नेचरोपैथी का साहारा लिया काफी तो कभी मेरी जब डॉक्टर की बिल्कुल वो हो गया क्योंकि इस बीमारी में क्या होता है मैं आपको बताता हूं मेटिकल साइटिस क्या होता है कि आपने दवाई दी कुछ डॉक्टर आपको स्टेड देंगे कुछ

(04:50) नॉर्मली दवाई देंगे तोब खून पतला हो जाएगा तो वो क्या होता है कि हड्डियों में खून जब आप दवाई लेते तो पतला हो जाता है तो आपको लगता है कि भाई ठीक हो गए मगर उसके बाद जब दवाई छोड़ते हैं ना हड्डिया घिस जाती है और गैप हो जाता है फिर व गैप जिंदगी भर के लिए बढ़ता नहीं है ऐसे ही रह जाता है तो इस बीमारी से मैं अखाड़े में चला गया उनको बोला कि भैया मैं गया अखाड़े में तो उसने पूछा कि मैंने कहा जी मैं भी रेस्टर बनना चाहता हूं पहलवान बनना चाहता हूं तो बहुत हसे में कमजोर था बहुत तो उसने बोला कि अगर आप भी पहलवान बन गए ना तो इस दुनिया में कोई बच्चा ऐसा होगा नहीं

(05:22) जो पहलवान नहीं बन पाएगा क्या आप ये डॉक्टर ने बोला डॉक्टर ने जो अखाड़े का मेंटर था उसने डॉक्टर तो कहते ठीक ही नहीं होगा फिर मैंने पूछा उससे कि आपकी नजर में कौन बसतर कौन होता है पहलवान कौन होता है उसने बोला कि जो अपनी कंट्री को रिप्रेजेंट करे देश का प्रतिन करे व रेसलर होता पहलवान होता है मैंने कहा कोई कर रहा बला तैयारी चल रही है मैंने कहा अच्छा उस दिन वाक टूटा था उस दिन बहुत रोया कि यह तो आदमी एक्सपर्ट है क्योंकि कोई दूसरा बोलता है ना कि आप यह नहीं कर सकते तो आपको लगता कि शायद ठीक कह रहा है जब कोई किसी फीड का एक्सपर्ट बोलता है ना तो फिर सोचता है कि

(05:56) भाई शायद ठीक कह रहा है तो उससे और कम किया आया मेरी मां को विश्वास था मेरी मां कहती थी कि भाई तू पहलवान बनेगा क्योंकि मेरा बड़ा भाई रेसलिंग करता था दंगल लड़ता था पास में हमने देखा और आपको सबसे ज्यादा वो इंसान मारते हैं जो आपके बहुत पास होते कहते आई एम देयर फॉर यू आई एम देयर फॉर यू वो कंबल वही खींचेगा जो पास होएगा दूर वाला तो आएगा नहीं आपके रिश्तेदार हैं जो आपके बहुत क्लोज दोस्त हैं जो बाकी हैं तो वहां से जर्नी स्टार्ट की मेरी एक फिजिकल थोड़ा सा वीक हो जाए ना इंसान उसको आम इंसान के तीन गुना ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है मेरी टंग काम नहीं करती थी कई

(06:33) बार राल टपकती थी आज भी अगर मैं काम नहीं करूं पढ नहीं ना तो तीन चार दिन में मेरी आवाज ताने लग जाती है ना बोलने से मतलब सही तरीके से मैं स्टडी नहीं करूं ये सब नहीं करूं तो ये चीज इतनी इजी नहीं कि हम सबको बाहर वालों को दिखता है कि भाई सक्सेस क्या है मैं अपनी लाइफ में 18 20 घंटे 18 19 घंटे काम करता हूं पाछ घंटे सोता हूं मुश्किल से टाइम इतना मिलता है आजकल दो ही काम करता हूं या वर्क या वर्कआउट तो वहां से एक बच्चा जो चल नहीं सकता था मैं खड़ा हुआ सबकी सुनता रहा मौका मिला मिट्टी कुश्ती खेली फिर मौका मिला मैट प अपनी कंट कोरि

(07:08) प्रेजेंट किया प्रोफेशनल रेसलिंग में मौका मिला वर्ल्ड का बेस्ट प्रोफेशन रेसर भी बना और कम चैंपियन भी होना जो ढंग से बोल बोल नहीं सकता था अटकता था मैं रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया का पहला ब्रांड एंबेसडर बना ऑफिली मोटल स्पीकर बना इनामी के साथ स्पीकर बना फिर ढेर सारी जगह यहां से लेकर बार तक बहुत शाय था इंडिया के मुका में ला सारे रियलिटी शोज किए कई भी कई इंटरनेशन सीरीज की शो होस्ट किए वहां पे भी सब रिजेक्ट करते थे इसका तो एक्सिडेंट खराब है तो हरियाणावी है ये तो पता नहीं कहां से आया है और मुंबई में तो ऐसे बुराई करते

(07:40) थे जो बड़े रिनाउन कास्टिंग डायरेक्टर होते थे क्यार ये संग्राम सिंह इंसान बहुत बढ़िया ब डॉक्टर का कर पाएगा नहीं कर पाएगा मैं सोचता तारीफ कर रहा है और ये बुराई होती थी उनकी फिर अब मैं फिल्म कर रहा हूं तो मेरा कहने का मतलब वो है कि आपको जीतने का मजा तब आता है जब सब आपकी हार की उम्मीद कर रहे हो और याद रखना तारीफें दिन बनाते और तानी जिंदगी सुपर अगर आप उसको लेते हो तो तो जर्नी बहुत देखी है बहुत गिरता उठता मेरे में कोई टैलेंट नहीं मैं आज भी बोलता हूं सिर्फ एक टैलेंट है कि मैं जिंदगी में कभी हार नहीं हं अगर इस देश के आबादी 140 करोड़ है 139

(08:18) करोड़ 99 लाख 99999 यह काम ऐसे हो ही नहीं सकता और यहां से मुझे आवाज आई ना कि काम ऐसे हो सकता है तो मैं किसी के उस पर नहीं जाऊंगा मैं अपने ही उस पर जाऊंगा अगर आप आप में आत्मविश्वास तो आप दूसरों का विश्वास जीत लेते अगर आप में आत्मविश्वास नहीं है ना देखो किसी भी चैंपियन को किसी विजेता को विजेता कोना आप उसकी सफलता सफलता से नहीं नाप सकते सफलता सफलता तो एक सीडी है सफलता कोई मंजिल नहीं है वो सिर्फ एक जर्नी है सफर है तो मैंने हर फील्ड में आया ना कोई टैलेंट था बाकी क्या है कि बाकी बच्चे कोई बच्चा एक घंटे में सीखता था उसको एक दिन

(08:56) में सीखता दो दिन में सीखता था गदे की तरह हार्ड वर्क कर करके मगर हार्ड वर्क टैलेंट को हमेशा बीट करता है और मैं वही मानता हूं मैं हर जगह जैसे आप सब तो फिर भी पड़े होंग तो व पड़े होगे जहां पर बेंच होते हैं जहां पर टेबल होते हैं हम तो वो जाते थे वहां पर जहां पर वो चीनी की बोरिया खादा कट्टा लेकर जाते थे स्कूलो से बैठते थे सरकारी स्कूल में हार्डकोर वहां पढ़ के आए वहां देख के आए और आजकल के बच्चे सारी बात करते हैं कि भाई अब कोई डाइट की बात करता है प्रोटीन की बात करता है न्यूट्रिशन की बात करता है मैं उस परिवार से था जहां पर रोटिया गमती की मिलती थी

(09:32) हमारी डाइट क्या होती थी गन्ना चूस लिया या चने खा लिए या यह कर दिया और 10 12 साल तक तो नंगे घूमते थे कोई होता जि दिन खूब ने ना के जाना होता था उस दिन क्या होता था तालाब होता था घर के पास में वो एक खाकी साबुन आता था वो लगा के उसम ना लिए या कुए प ना लिए तो मतलब ज्यादा होता था तो ये बीमारी ऐसी धूप निकलती थी तो मेरी बॉडी थोड़ी मूव करती थी मैं उठ तो जाता था मेरी आंख खुल जाती थी मगर बॉडी मूव नहीं कर सकता था इसमें इतना पेन होता था अगर आपकी उंगली यसे हिला दी तो वह जॉइंट प स्वे आ जाता हाथ पर पतले हो जाएंगे ब्लड रुक जाएगा तो बहुत खतरनाक था तो जब मैंने

(10:08) इस बीमारी को ठीक किया तो बड़े डॉक्टर कहते थे कि यह ठीक हो ही नहीं सकता कभी मेरी मां ने दिन में मुझे 1515 बार मसाज करते थे कभी तिल के तेल से कभी सरसों के तेल से मस्टर्ड ऑयल से कभी देसी घी से कभी आयुर्वेदिक ऑयल से तो इस विश्वास का क्या सोर्स था कि विश्वास था कि हो जाएगा कर लेंगे लोग तो नॉर्मल होते हुए अजीब नहीं कर पाते आप तो नॉर्मल नहीं थे देखो ऑर्डिनरी और एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी में साधारण साधारण बनने के लिए बड़ा साधारण बनना पड़ता है आज जो मैं कर रहा हूं ना जो चीजें कर रहा हूं मुझे इतना विश्वास है कि मैंने सोचा कि आज देखो मैं यहां बैठा हूं

(10:43) अब हमें पहले पता नहीं था अब मेरे जैसा इंसान चाय कॉफी पीता नहीं दूसरे की बहन बेटी मेरी बहन बेटी है सारी चीज मेरे जैसे इंसान को परमात्मा आगे लेकर जाता है तो कई घरों में चूहा चोका जलाने का जरिया बनता है टीवी के मैंने बहुत शो किए तो टीवी प मेरा इतना हुआ कि सीधा को फोन करता हूं कोई बच्चा बच्ची आता है देख जाता किसी के रिफरेंस से आता कि इसका वो कर लो टैलेंट है तो देखो बाकी करता परमात्मा आप इसका जरिया बनो अब मैं य कह रहा हूं तीन साल बाद चार साल बाद में फिल्मों में परमात्मा ने चाने फिल्में कम की टेक और करूंगा तो हमारे जैसा इंसान आगे आएगा तो ढेर सारे

(11:15) बच्चों को काम मिलेगा और उसको चेंज कर दिया कि भैया यह चीज सही है यह चीज गलत है गलत तो कुछ होता नहीं व कहते नहीं गलत लगे तो अलग होता है गलत कुछ नहीं होता तो बस मैं सोचता हूं और विश्वास ऐसा है कि मैं सरकारी स्कू में पढ़ा इंग्लिश बिल्कुल आती नहीं थी फिर एक बच्चा जिसको ये क्लास में फेल हो गया था सातवीं क्लास थी कौन सी थी मुझे याद नहीं तो उसमें एग्जाम नहीं दे पाया था किसी कारण से फिर एक टाइम मिला कि उसमें मेरे मेरे मतलब मेरी लाइफ का चैप्टर था उस क्लास में आपकी लाइफ का चैप्टर मतलब सिलेबस में डाला सिलेबस में डाला था उस उसी क्लास में

(11:52) डाला इस क्लास में फेल हुआ था तो ओके तो मैंने कहा उसकी मेर एक बच्चा जिसको इंग्लिश का पता नहीं था मैं आईटी आईएम से लेके एक बार मुझे याद है कि एक एक एक में फेल हो गया था तो मास्टर ने बोला कि भाई 10 20 इकट्ठा करो और एक बच्चा बहुत हमारे पास बहुत मगावी छात्र है मतलब मेगाव यानी बहुत बहुत छात्र उसको बाहर भेजेंगे तो 101 लेके आना ऐसे मजाक कर रहे थे मुझे पता नहीं था कि व बच्चा कौन है क्योंकि मेरे हिंदी में नंबर आए थे पांच छ और नंबर इंग्लिश में आ गए थे 10 या 11 12 कुछ ऐसे तो पूरी प्रेयर होती प्रार्थना होती थी जो सुबह स्कूल में होती थी ना

(12:24) मुझे निकाला गया बाहर खड़ा किया गया बोले भा ये ऐसा है कि इसको मातृभाषा में इतने नंबर दूसरे वाली भाषा में इत इसको हावर्ड भेजना पड़ेगा तो मैंने कहा सर हावर्ड क्या होता है बोला फेटा त स्पेलिंग सीख गया ना जिंदगी भर तेरे लिए बड़ी बात है अच्छा तो फिर जब मैं हावर्ड के उधर गया ना मैं लेक्चर देने स्पीच देने तो बात सोच रहा था मतलब कुल मिलाकर मास्टर जी ने बेइज्जती ही करी थी देखो जब आप आगे पढ़ोगे ना तो ये हर एक सक्सेसफुल इंसान है सक्सेसफुल तो देखो मैं सबका एक पैमाना अलग होता है कोई हेल्थ में अच्छा करेगा वो सक्सेसफुल होता है कोई

(12:57) एंटरप्रेन्योर बनेगा सक्सेस होता बाकी इस पे भी आऊंगा डेफिनेशन पे तो अपमान गलतियां अस्वीकृति असफलता है निराशा यह पांच ऐसी चीजें हैं इनसे होगर गुजरना ही पड़ेगा इनसे होकर आप नहीं गुजरे ना अगर आपने कुछ नहीं किया व सफल हो गए ना वो सफलता सफलता से खराब है ना आपको अनुभव है ना आपने पेन जेला है तो सफलता फायदा क्या है तो एक एक ने बड़ा एक वो कुवर साहब होते थे उने बड़ा अच्छा शेर लिखा था कि मैं आज बाहर गया और कोई घटना नहीं हुई मैंने आज बहुत लोगों से मिला किसी ने कोई बेइज्जती नहीं की मैंने आज बहुत लोगों को देखा किसीने मुझे अनदेखा नहीं किया मैंने आज सब पर विश्वास

(13:40) किया किसी ने मुझे धोखा नहीं दिया और अच्छी बात है कि मैं शाम को घर पर आया तो अपने आप को वापस लौट के पाया तो जिंदगी है ना बहुत छोटी सी है इसलिए मैं इतना इतना पॉजिटिव सोचता हूं कि एक पुराने गाव ास से कैसे हो चश्मा हरा होना चाहिए सब कुछ हरा ही रा दिखाई देगा तो नजरिया लग देखता हूं ये चीज नहीं हुई ना और जिंदगी में जो मैं चाहना कभी हुआ ही नहीं उससे ज्यादा हुआ है मैं सोचता था कि यह कर लेंगे तो यहां हो जाएगा ये करले यहां हो जाएगा टा दिल्ली पुलिस में होता था एक बार मैंने दिल्ली पुलिस में नौकरी की है आप दिल्ली पुलिस में भी रहे हा आ साल नौकरी की मैंने

(14:14) दिल्ली पुलिस में तो मुझे याद है कि मैं दिल्ली पुलिस में शायद वो इंसान भी रहा सबसे जदा सस्पेंड हुआ होगा क्योंकि मैं सस्पेंड होता फिर गेम आते फिर बाल हो जाता मैंने दिल्ली पुलिस में आ तो मैं एक्चुअली रेसलर बना मैंने वहां से बहुत प्रोसेस सीखा मैंने नेशन मेडल जीता डिया पुलिस कीम से मेडल जीता दिल्ली पुलिस से कई साल बाद सीनियर वर्ल्ड रेसिंग चैंपियनशिप में गया तो कई चीजें देखी तो तब मुझे डीसीपी से इन सब से मिलना बड़ा मुश्किल होता था आईपीएस ऑफिसर से सबसे कि भाई मैं ड्यूटी भी देता था मैं एक्सरसाइज भी करता था सारी चीजें

(14:46) करता था जो नहीं करते थे वोह किसी अफसर के खास होते थे तो वो व आता था आज जब मैं जाता हूं ना ल बासना जहां पर आईएस आईपीएस आई आज ट्रेनिंग करते हैं उनको सिखाता हूं कि आपको देश ऐसे चलाओ या फिट ऐसे रहो तो मैं देखता हूं कि हर ताज सिर के लिए होता है मगर हर सिर ताज के लिए नहीं होता उसको बनाना पड़ता है हर ताज सिर के लिए होता है लेकिन हर से ताज के लिए नहीं होता उसको बनाना पड़ता है मेहनत करके मशक्कत करके कोशिश करके तो फिर मैंने देखा कि पग पग पे जहां जहां में गया हूं ना तो उस परे व ढेर सारी चीजें मिलती है ढेर सारा एकना इंतिहान होता है और और

(15:22) बंग नोमल बोरी अगर जिंदगी में कुछ नहीं चल रहा उठापटक नहीं आ रही हो या कुछ नहीं हो तो मानता ह जिंदगी खराब नहीं पंगे लेता हूं अब समझ लो कि मैं हीटर पर बैठा हुआ हूं ज्यादा बैठ हुआ तो बम जलेंगे खड़ा हो गया तो आज खत्म हो जाएगी लाइफ ऐसे जीता हूं क्योंकि ये छोटी सी जिंदगी है ये अगर इसमें भी हमने वो नहीं किया पता है 90 पर लोग 30 साल के बाद मर जाते हैं 90 पर लोग 30 साल बाद मर जाते हैं मर जाते हैं पता क्यों मर जाते हैं क्यों क्योंकि अपनी पसंद का काम ही नहीं करते कोई परिवार के लिए कोई किसी चीज के लिए मजबूरियां होती है काफी चीज होती है तो वो

(15:59) जिंदगी जीते हैं वो जिंदगी तो जीते हैं मगर मेरा ये मानना है कि जिससे आप प्यार करते हो ना जो पसंद करते हो अगर वो आप काम करते हो ना तो आप जिंदा हो नहीं तो फिर जिंदा तो हैं हम काम तो कर रहे हैं मगर वो चीज है नहीं तो इतनी पॉजिटिविटी का सोर्स क्या है वही तो मैं कहता हूं कि मैं एक ऐसा इंसान हूं कि भैया एक एक समुंद्र में आप चाहे कितना ही जलता हुआ कुछ डाल दो वो ठंडा हो जाएगा तो मुझे कोई कुछ कहता है ना तो अगर आप में सही है मैंने तो आपको भगवान जी पराजित नहीं कर सकते तो मैं हर बात सोचता हूं कि गुस्सा या हाइपर वो इंसान होता है जिसमें ताकत नहीं

(16:35) होती या जो बीमार होता है जो स्वस्थ इंसान कहां गुस्सा आएगा एक मटका लेके जाओ अब खाली मटका ही छलकता है ना भरा मटका कभी छलकता है नहीं छलके भरे मटके के साथ आप भाग सकते हो खाली मटका रहेगा ना अच्छा लगता रहेगा और खाली बर्तन आवाज करते हैं भरा हुआ बर्तन आवाज नहीं करता तो जिस इंसान के पास कुछ होगा ना यह मत देखो कि इंसान क्या है वो देखो कि उसकी इंसान के अंदर क्या है महत्त्वपूर्ण व है इंसान महत्वपूर्ण नहीं है तो जब ये सारी चीज जब आप कहते कि ठोकर खाकर ठाकुर बनते हो ठाकुर कृष्ण जी कोई ठोकर खाकर ठाकुर बनते हो ठोकर खाकर ठाकुर बनते हो सीधा ठाकुर बनता

(17:09) तो गिर जाता है अब आप किसी भी महापुरुष को देख लो किसी को भी देख लो जिंदगी में कोई भी आया है बगैर मेहनत किए बगैर कोशिश किए बगैर उसके किए तो कभी कोई सफल हुआ नहीं है अब किसी का भी एग्जांपल उठा के देख लो हम तो कुछ है ही नहीं हम तो जीरो प खड़े हम तो आज भी कोशिश करते हैं तो उस जहां पर मैं गया जहां पर भी मैं जाता हूं हर रोज एक नया दिन होता है नई चीजें होती है कि भया पुश करना है पुश क्या होता है कि लिमिट कल मैं कहा था आज मैं क्या कर सकता हूं परसों में क्या कर सकता हूं जिंदगी यही है अब राम जी के बारे में बात कर राम जी का मंदिर बना है तो राम

(17:48) जी आयोध्या में रहते क्या रहते राजा राम युगराज राम इससे ज्यादा कुछ होता नहीं जब राम जी 14 साल वन में गए ना तबके आए सारी समस्याओ का सामना किया जितनी चुनौतियां थी उनको फेस किया तो उसके बाद मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम बन के आए तो अगर या रहते तो क्या रहते कुछ भी नहीं कुछ भी नहीं नर्मल राजा नर्मल राजा वो सब कहते ना जिस जिस पर जग हसा है इतिहास उसी ने रचा है और अगर मान लो जब तक दुनिया वाले आपके सपने पर हंस नहीं रहे ना तो समझ लो आपका सपना छोटा है और जो बुद्धिजीवी होते ना जो ढेर सारे कहते हैं कि वल डू दिस विल डू दैट वो सिर्फ मेरी माने मु

(18:28) बड़ी बात बोली थी हरियाण भाषा में मैं आपको हिंदी में बताता हूं उसको जब मैं ठीक हुआ ना तो उसने बोला बेटा तुम्हारे अंदर कोई चीज स्पेशल जरूर है मैंने कहा क्या बोली कुछ लोग होते हैं जो हिस्ट्री का पार्ट बनते कुछ होते जो हिस्ट्री क्रिएट करते अभी आपके ऊपर है पार्ट बनो या क्रिएट करो तो मैं समझा नहीं वो तोत मतलब इतना दिमाग था नहीं अब मैं सारी चीज बैठ के सोचता हूं अगर कभी थोड़ा बहुत उदास भी तो वैसे में होता नहीं मैं बैठ के सोचता हूं जर्नी देखता हूं मैं जब यहां से आ गए और मेरे जितना मैं उम्र बढ़ रही है तो मैं एक बहुत सेल्फलेस आदमी हूं और मैं सोचता हूं कि

(19:04) भैया मेरा देश महान तो मेरा क्या योगदान हर उससे पहले जाने अनजाने में पहले बचपना था हम गलतियां करते थे गलतिया तो आज भी करो सीखो उनसे झूठ बोलते थे बड़ी-बड़ी बात करते थे अब मैं सोचता हूं कि भैया जो भी चीज करो आपका कोई भी कार्य कोई भी काम ऐसा होना चाहिए कि जिससे आप किसी को फिजिकली फाइनेंशली या मेंटली हर्ट कर तो फिर काम सही नहीं तो उसके हिसाब से सारी चीज सोचता हूं मैं सुबह 4 बजे होंगे रेड लाइट होगी तो मैं आपको खड़ा मिल लूंगा उस पर क्योंकि मैंने पुलिस का भी देखा पुलिस का बहुत बहुत बहुत टफ काम होता है बाहर वाला एक मिनट में कहता है पुलिस का

(19:42) यह सब आमी नहीं होगी तो देश चल जाएगा एक दो घंटा पुलिस नहीं होगी तो घंटा नहीं चल सकता देश सब सही गलत गलत सही हो देखते हैं मगर पुलिस की तो क्या है केस 90 पर पुलिस वाले बीमार हैं 40 के बाद बेचारे ना उनके पास ढंग के टॉयलेट है ना ढंग का सैलरी है ना डंग के उनके पास फ्लैट्स है ना डंग के और चीजें हैं तो हम बात करते हैं सारी चीजों की तो जब य इंफ्रास्ट्रक्चर देखता हूं यूथ देखता हूं बाकी चीज देखता हूं इंसान पता है क्या होता है इंसान किताबों से नहीं सीखता किताबें तो खर एक वो होता है कि जो आजकल के बच्चे आजकल के बच्चे साक्षर

(20:20) ज्यादा है साक्षर क्या होता है जो पढ लेके आते हैं शिक्षित वो होते जो वैल्यूज के साथ पड़े होते हैं तो हम वहां से आए हैं जो वैल्यू लेकि मुझे आज भी याद है कि आजकल के बच्चे बोलते हैं स्ट्रेस हो गया डिप्रेशन हो गया एंजाइटी हो गया तो हम तो वहां आते थे घर वाले पीटते थे फिर पड़ोसी पीटते थे स्कूल में मास्टर पीटते थे फिर घर वाले पीटते थे हमें आज तक ये नहीं पता कि स्ट्रेस क्या एंजाइटी क्या डिप्रेशन क्या है तो वो चीजें हम सारी हो कर लेते हैं ना उतना अपने आप को हम वो कर लेते हैं कि भैया ये चीज सही है तो ये चीज वो है अगर जब आप सकारात्मक हो जब आप सारी चीजें

(20:53) सही सोचते हो तो कुछ होगा ही नहीं और मैं तो लाइफ में एक चीज सोचता हूं कि भैया जो होता अच्छे के लिए होता है हुआ तो बहुत अच्छा नहीं हुआ तो और भी अच्छा कोशिश करते रहो मगर आप हाथ पर हाथ रख के बैठो मत मेरी मेरी उसम पता लख भाग किस्मत कोई नहीं है यह लख भाग किस्मत है आप मेहनत करो हार्ड वर्क के आगे ना सफलता जोड़ी खड़ी हो जाती है बाकी कोई कहता है कि जी मेरे किस्मत में नहीं था मेरे लक में नहीं था मेरे भाग्य में नहीं था एक रस्सी पत्थर पर निशान कर देती है रस्सी बहुत हल्की होती है ज रस्सी पत्थर पर निशान कर सकती है व कहते हैं ना कि एक कहावत है

(21:34) कि वो शायद कबीर दास साहब ने बोली थी रस्सी के बारे में कि जब वो शिल पर निशान कर देती है एक पत्थर पर निशान कर देती हम तो इंसान है पानी बहुत हल्का होता है मर पानी बड़ी बड़ी चट्टाने तोड़ देता है पत्थर में सुरा कर देता है क तोड़ता है लगातार उसका बहना तो लगातार प्रयास किया आगे ना कोई सफलता ना कोई टैलेंट ना योग्यता ना पैसा सब कुछ एक साइड है लगातार परया आगे कोई चीज टिक ही नहीं सकती तो इसलिए मैं ना मैं सफलता सफलता में बिलीव नहीं करता मैं प्रोसेस को एंजॉय करता जो प्रोसेस होता है ना कि भैया वो कर दो अपना बस उसको एंजॉय करो और परमात्मा की मेरे

(22:10) मुझे कुछ पता नहीं मैं तो वो देसी इंसान हूं कि जो बिल्कुल आया गांव से आजकल जैसे मान लो एक टाइम होता था 20 किलोमीटर पैदल जाता था बस किरा नहीं होता था आजकल बिजनेस क्लास में जाओ आप ट्रेवल करो देखो बैठ के तो मैं वही देखता हूं वही बच्चा भाई आज नहीं कर सकता हूं मैं जब एक्सरसाइज का टाइम होता है टॉयलेट में चलाता हूं खड़ा हु डिप्स मारता हूं बारवा सोचते इसका स्टमक अपसेट है तो हस्ते कई जैसे बैठो ना आए ना हस्ते रहो भैया वो टाइम है तो आपके पास एक चीज ऐसी होनी चाहिए कि भैया जिस जो चीज आपके पास ही है जिस चीज को ना कोई खरीद सकता ना उसको कोई मेजर कर

(22:45) सकता ना वो कर सकता तो फिर आप यूनिक हो आप में कुछ बात है और जब से मैं ठीक हुआ हूं ना तो सारी चीज में वही सोचता हूं वही देखता हूं वही करता हूं अब बस आप अच्छा करो त भी दुनिया वाले बो बोलेंगे आप गलत करो तब भी दुनिया वाले बोलेंगे एक छोटे से बच्चे रोटी चुरा ली थी तो एक बड़े बड़े शायर होते थे उने बड़ी अच्छी बात की उसको सब पीटने लग गए दो दिन से भूखा था उसकी मदर भूखी थी उसकी बहन ती भूखी थी तो चोर चोर कहके उसको बहुत पीटा तो उसने बोला कि भैया एक रोटी चुरा के मासूम चोर बन गया और लोग मूल खा गए कानून लिखते लिखते तो वो हमारे ऊपर है कि अगर हम सही

(23:27) रास्ते पे ना फर्क ही नहीं पड़ता कौन हमें क्या कह रहा है क्या नहीं कह रहा है कहने वाले तो कहते रहेंगे आते रहेंगे जाते रहेंगे आप सही हो आपकी सोच सही है कि आप क्या कर सकते हो व महत्व रखता है तो मैं भी अपनी जिंदगी में वही सोचता हूं कि भैया कोई फर्क नहीं पड़ता के जहां पर आंख बंद हो तो कम से कम वो होना चाहिए अगर मैं आज जाता हूं आज मेरी आंख बंद होती ना तो मैं सेटिस्फाई जाऊंगा कि मैं कोशिश की बहुत से तो क्या होते है सेटिस्फाई जाओगे उसका फायदा क्या होता है जब कहते ना कि सास छूट जाए और शरीर चला जाए ना शरीर चला गया और इच्छा ही रह गई तो

(24:05) भैया वोह आपकी वो नहीं है वो मोक्ष नहीं है मोक्ष वह है कि आपका शरीर जिंदा और आपकी इ छाए छूट गई तो मोक्ष है वो कहते हैं ना कि थोड़े से सुकून के लिए ढेर सारी बेचैनिया पाल ली हमने थोड़े से सुकून के लिए ढेर सारी बेचैनिया पाल ली हमने लोग कहते हैं भैया समझदार हो गई जिंदगी संभाल ली हमने क्या बात उल्टा हो गया ये ऐसा कुछ होता नहीं ओके तो आप डी मोटिवेटेड होते हैं कभी डीम डी मोटिवेटेड होने की कोई बात ही नहीं होती मुझे पता है मुट्ठी बांध के आए थे मुट्ठी खोल के जाना है कोई कुछ ची अपनी तो है ही नहीं अभी फ्रस्ट्रेशन निराशा पहले जब समझदार नहीं था ना तब होता

(24:49) था अब समझदारी आ गई ना तो मैं हंसता हूं बैठ के जो कुछ होता है ना वो कहते ना कि मुट्ठी बांधे जन्म लिया हाथ पसारे जाना है इस धरा का धरा पर यही धरा रह जाना है तो कुछ होता है सफल होता हूं असफल होता हूं ना तो मैं बैठ के सोचता हूं भा चलो ये नहीं कोई बात नहीं कबीर दास साहब है ना चार शब्द बोलते थे जब जिंदा थे तो लोग कहते थे जुला पागल है फालतू है कुछ है नहीं इसको पता ही नहीं है आज लोग कबीर दास साहब प पीएचडी करते हैं एक बार एक समाज में बध बाबा था तो बाबा की हाइट बहुत छोटी थी अब उसको लगता है य जो सांड बैठा ना इसके सिर में मेरा सिंग इसके सिंग में सिर

(25:28) आएगा या नहीं सांड भी छोटा था थोड़ा उसके सिं ऐसे गोल थे तो उस बाबा के मन में हर रोज होता कि पता नहीं इसके सिंग में मेरा सिर आएगा या नहीं आएगा अब देखता भाई बड़ा इज्जत थी बाबा की महाराज की सब इज्जत करते थे तो उसने सोचा करू क्या मतलब लोगों को कांड जाता है एक दिन सुबह उठाओ : बजे सांड को ढूंढा 3:30 बजे सांड मिला तो उसने क्या किया कि अपना सिर उस सांड के उ फसा दिया सांड सो रहा था सांड उठ गया उठ के कभी बाबा इधर गिरे कभी उधर गिरे उसका फस गया सिर पूरे गांव में पूरा हाहा मच गया कि भैया बाबा जी को मार दिया बाबा जी को मार

(26:01) दिया पकड़ा पकड़ा बाबा जी यहां से फूटे हुए यहां से टूट गए यह सब हुआ पकड़ा उनका सिर निकाला गया बोला बाबा जी आप ठीक हो बोला ठीक देखी जाए जो मन का मल मला था ना मिट गया साला मेरा सिर आएगा या नहीं आएगा सांड के सीन में जिंदगी में ज मलमल है ना आपके कि काश ये हो जाता तो फिर जिंदगी का फायदा नहीं मलमल मेट लेना चाहिए रे शरीर बहुत ताकतवर है छोटी मोटी बीमारी से या छोटी मोटी चोट से कुछ नहीं होगा पोस्टमार्टम में चाकू से काटना पड़ता है तो छोटी मोटी चीज तो चलेंगी इतना बड़ा शरीर इतनी नलिया है इतनी नाड़ियों तो ऊपर नीचे तो होंगी ना

(26:37) ट्रू ये स्पिरिट क्या हर स्पोर्ट्समैन में होता है जिस तरह के स्पिरिट आपकी है देखिए स्पोर्ट्स पर्सन का पता नहीं कि सब में होता है नहीं होता है एक स्पोर्ट्स पर्सन बनना एक एक्टर बनना आंतर प्रनर बनना यूट्यूब बनना या आर्टिस्ट बनना वो छोटी सी एक पिक्चर जो बड़ा कन्वे है ना जिंदगी हम उसकी सोचो अब बोसे बोलते क्या करना चाहिए मैं हमेशा एक बात बोलता हूं हैप्पीनेस इ द हाईएस्ट फॉर्म ऑफ सक्सेस मैं तो एक ऐसा इंसान हूं कि भैया सेल्फ मेड इंसान हूं जो जो कहते ना कि उसको जमाना क्या गि आएगा जिसको चलना ठोकर ने सिखाया हो तो हम तो वहां से उठे हैं

(27:20) मेरे लिए कोई पार्टी महत्व नहीं ती कोई महत्व मे देश महत्व रखता है गलतिया हुई है गलतिया करते हैं पर कोशिश करता हूं कि कोई ऐसा प्रोडक्ट का मैं प्रचार नहीं करता जिससे देश के यूथ को नुकसान हो हेल्थ के लिए अमेजिंग मैंने अपनी लाइफ में बहुत देखा एक बार मेरे अकाउंट में 920 होते थे मुझे ढाई करोड़ का एक कोल्ड ड्रिंक का ड आया था किसी के ऐसे घर पर रह रहा था तीन साल के लिए तो उसने बोला कि बहुत डिंग लगेंगे फैन फॉलोइंग ये हो जाएगी और यह सारी चीजें और वो करेंगे तो मैंने कहा नहीं यार ढेर सारा काम हुआ लाखों की फॉलोइंग हो जाएगी मैंने

(27:55) कहा दो बच्चे फॉलो कर रहे थे उनको जहर पिला रहे हैं तो उसने बोला नहीं यार ये करने से हो जाएगा मैंने कहा रात को सुकून से सोना तो दिन भर ईमानदार रहना पड़ता है वो किस चीज का ड था कोल्ड ड्रिंक का अच्छा जो कोल्ड ड्रिंक होती है तो फिर वो चला गया तीन दिन बाद उसके एरिया मैनेजर ने फोन किया हु यू आर वी हैव सचिन धोनी सलमान ईटी सीटी सीटी से मैंने कहा सब भाई अपने कर लेंगे करते हैं पैसा घर में रह जाए कर लो उनके साथ में मतलब 920 थे अब दूध केले में पैसे खर्च कर दि रह गए हैं कि वो भी निकाल के दूंगा फ्री मेंड करूंगा बोलो टॉयलेट साफ करना तो क्या है इसका मैंने

(28:33) बहुत सी चीज इसके बारे में मैंने भुगती भी है भुगती इन द सस कई चीजों मैंने करने की कोशिश की जो स्पनर यही होते थे मैं दूर हुआ मगर मेरा य मानना है कि मैं हेल्थ की कीमत समझता हूं जैसे राम मंदिर का हुआ तो वहा पर इतनी स सकारात्मकता है कि आप जाओगे वहा पर आपको फायदा मिलेगा नुकसान नहीं मिलेगा मगर एक्चुअली य सोचो कि भया राम जी वहां बैठे राम जी तो संभाव है राम जी तो हमा अंदर राम जी हर चीज है जब इंसान अपनी ईमानदारी से मेहनत से काम करर तो राम जी वही है राम जी वहां पर नहीं है राम जी तो हर जगह है बस हम बना इसलिए देंगे कि राम जी उधर

(29:10) ही जब आप अच्छा काम करते हो कहीं भी कोई चीज हो रही होती है राम जी संभाव क्यों है एक रात पहले राजा बनने वाले थे अगली सुबह बनवे जा रहे हैं उसके बाद उनके चेहरे पर संभाव है काम इंसान अगर मेहनत करे तो भगवान के समकक्ष पहुच सकता है और राम जी ने बताया था वो सिखाया था उनकी उनकी जिंदगी बहुत इंस्पिरेशनल थी मैं अरुणाचल प्रदेश जा रहा था तो मेरे पास में एक लेडी बैठी थी सात साल का बच्चा किताब पढ़ रहा था तो मैंने सोचा या क्या संस्कार द आजकल तो एक साल का बच्चा उसको मोबाइल देना पड़ता है तो मैंने कहा कि वो आ गई मैंने कहा वाह जी आपने क्या संस्कार दिए बच्चे

(29:45) को बोली भाई साहब संस्कार नहीं है ये तो जो हम करते हैं वही सी वही देख के सीखता है अगर हम मोबाइल लेंगे तो मोबाइल पकड़ेगा हाथ में किताब ले रहा किताब पकड़ रहा है वो छोटी सी उसकी एक लाइन वो मेरे लिए बड़ी सीख थी कि भैया न जनरेशन ज बच्चे या सब ये सोचो कि भैया मैं कुछ भी करूं मेरा बच्चा ये हो जाए व होगा नहीं मतलब संस्कार देने की अगर बात है तो हम संस्कारी हो जाए वो भी संस्कारी हो जाएगा जी दिया नहीं जा सकता पता है क्या है 98 पर लोग बच्चे को पालते हैं सिर्फ 2 पर लोग परवरिश करते हैं और देश को ना सरकार नहीं चला सकती देश को

(30:20) संस्कार चलाते हैं किसी को आगे जाना है तो और किसी भी देश की ताकत देख र है ना आप उसके पैसा वसा मत देखो उसकी सेना देखो उसका स्पोर्ट्स देखो अगर उसमें आ गए तो देश सबसे अगर नहीं है तरकी कर रहा है बाकी बिल्डिंग बनाने से या नहीं टेक्नोलॉजी जाने देश आगे नहीं बढ़ता देश तब आगे बढ़ता हैका युवा आगे और युवा व है जो युग को बदल देता है रेसलिंग के बारे में थोड़ा जानना चाहूंगा आपसे क्या होता है अंदर और साथ में उसके बारे में भी डब्लूडब्लूई जो होता है क्या वो रियल होता है क्या देखिए मुझे मौका मिला है सारी रेसलिंग करने का डई भी मुझे मौका मिला है मिट्टी

(30:58) कुश्ती लड़ने का मुझे मौका मिला है इंडिया को रिप्रेजेंट करने का मैट पे मुझे मौका मिला डब्ल्यूडब्ल्यूई खेलने का भी मुझे मौका मिला डिफरेंट और अब जम करने जा रहा हूं प्रोफेशनली व तीन-तीन मिनट के छह राउंड है ओलंपिक स्टाइल के ओलंपिक में तीन-तीन मिनट के दो राउंड होते हैं तो पहले हम बोलते थे ये सही है गलत है य ये जेनुइन है ये नहीं है फिर जब मैं आया सब मैंने किया तो सबकी अपनी ब्यूटी अलग है सबके रूड रेगुलेशन अलग सबका अलग है तो मैं किसी को असली नकली बोलूंगा नहीं क्योंकि अगर वो हर जगह पेन है हर जगह तकलीफ है हर जगह अपना अपना स्ट्रगल है अपना अपना मेहनत है

(31:38) अपना अपना स्वेट है तो हर जगह है तो मुझे सारे करने मुका मिला है तो इसलिए मैं सारी चीजों को देखता हूं बैठ के सोचता हूं पहले जब नादान थे नादान तो अब भी है जब तक जाएंगे नहीं दुनिया से तब तक नादान नहीं रहता इंसान समझदार तो होता नहीं है तो असली नकली का हम तभी कह पाएंगे जब उसको करेंगे कोई चीज असली नहीं है कोई चीज नकली नहीं है सबका अपनी मेहनत है सबका अपना अलग वो है पहले मैं मैं भी कहता था कि वो सही नहीं है वो गलत है वो अच्छा है वो बुरा है तो क्या वो फाइट रियल होता है देखो जो टीवी के लिए बनता है वो उनका ड्यूरेशन अलग होता है उनका अपना अच्छा डब्ल्यूडब्ल्यूई

(32:20) का हां हां और जो एमेचर होता है व तीन-तीन मिट के दो राउंड होते हैं वो तो जानते हो हो कि आप एमेचर यानी जो एशियन गेम्स ओलंपिक वो डिफरेंट होता है दंगल का आप जानते हो कि दंगल का डिफरेंट होता है दंगल में कुश्ती होती है भाई एक रेगा एक जीतेगा ऐसे तो सबका अपना अलग वो है मगर वो कुछ फाइट स्क्रिप्टेड होती है कि भैया जैसे कोई जीतेगा कोई हारेगा कोई कुछ होगा कोई कुछ होगा जो टीवी के लिए अपना बनाएंगे तो कुछ स्क्रिप्टेड भी होता है उसमें ओके ओके स्पेसिफिकली टीवी के लिए वो करते हैं वो एक शूट हो गया फिर वो मगर गिरना पढ़ना तो बहुत जेनन रहता है उसमें आपके डिया टूट

(32:54) जाती है एक एक फटा तो होता है एक स्पिंग होता है लोग गिरते तो उसपे गलत गिरे तो चोट लगेगी हम ये नहीं कि और पता क्या है मैच रेसलिंग में तो आपको चोट लगी तो कुश्ती रुक जाएगी उसमें आपको चोट लगी और आप मैच नहीं छोड़ सकते पब्लिक को आपको एंटरटेन करना ही पड़ेगा मैच छोड़ोगे तो अगला मैच करने का मौका नहीं मिलेगा तो इस वजह से मैं उसकी असली और नकली में जा नहीं रहा मैं मैंने शो किया पूरा उसका कई मैच खेने हैं प्रोफेशनल रेसलिंग में आया मुझे आज भी याद है मैं मजबूरी में प्रोफेशनल रेसलिंग में आया था पैसे नहीं होते थे बत लंबी स्टोरी है एक

(33:30) टाइम होता था कि आ हज से लड़ना स्टार्ट किया था मैं 50 लाख रप मैच खेलने वंडरफुल तो मुझे मौका मिला सारी रेसलिंग खेलने का सबका अपना अलग मजा सबका अपना अलग स्वाद है तो यह है नहीं कि भैया यह सही है गलत है सब सही है व कहते ना जब कोई आपको लगे कि कोई चीज गलत है या जमाना बोले कि भाई आप गलत हो तो अपने आप गलत नहीं अपने आप को अलग समझो कई बार अलग चीज काम करती है जैसे अभी मैंने आपसे पानी मांगा आप बोला कि आरो है जब हमारे घर में मिट्टी गड़े थे ना तो हम बीमारी से दूर खड़े थे आज हमारे पास आर और बीमारी हजारों है आज हमारे पास आर और

(34:12) बीमारी हजारों बीमारी हजार ई तो पहले क्या होता था कि हम तालाब का पानी पी के मटकी पानी पी के 100 साल जिंदा रह जाते थे आजकल मिनल वाटर पी के 30 40 50 साल की उम्र में हाठ अटक आ जाता है पहले हम खाना ऐसे ही खाते थे रूखी सूखी जो मिल गया ठीक है आजकल सारी कैलोरीज ये डाइट और वो डाइट और सब कुछ फॉलो करते हैं ना ताकत बन पाती ना सुकून से रह पाते और जल्दी चले जाते हैं तो इसका मतलब क्या है क्या यह कैलरी कैलकुलेटेड ये सब ठीक है या कुछ भी चलना चाहिए देखिए बडी है ना बडी साइंस के हिसाब से चल नहीं नहीं सकती और जो आजकल के बच्चे हैं वो चलते फिरते कई उल्लू बन जाते हैं

(34:48) मेरे युवा दोस्त हैं रात भर पार्टी करेंगे आ पार्टी एनिमल दिन में फिर सोएंगे पूरा दिन फिर 40 की 40 धीरे धीरे 40 की पहुंचेगी फिर 3:00 बजे खाने 5 बजे खाने 7 बजे खाने चलते फिरते केमिस्ट बन जाएंगे तो जिंदगी को संतुलित जीना चाहिए अब आजकल के बच्चे क्या खाए पिज्जा खाए बर्गर खाएंगे सारी चीज खाएंगे कोन पिया पिया ओ माय गॉड 2000 कैलोरीज ट्रेडल प जाएंगे आई हैव बन 2014 250 कैलोरी और स्टोरी प लगता है सुनो तो उनको पता कि भया बॉडी साइंस के हिसाब से नहीं चलती बॉडी नेचर के हिसाब से चलती है तो पूरा अगर आप नेचर के दोस्त नहीं बनोगे ना बो बोलते आईम देयर फॉर यू आईम

(35:26) देर फॉर यू अपने दोस्त बन जाओ भैया पहले अपना सत्यानाश करके बैठ यार पहले अपने दोस्त बन जाओ अपना ख्याल रख लो अपने आप को ठीक कर लो अपने आप को फिट र फिट का मतलब य नहीं होता कि जीरो साइ सिक्स पैक फिटनेस का मतलब यह होता है कि भाई आपने दैनिक कार्य आसानी से किया आपको नींद आराम से आ गई वो फिटनेस है उसमें फिर आप जितना एक्सटेंज कर सकते हो किसी के लिए 10 किलोमीटर भागना उसमें वो थकता है कोई दो घंटा जिम करके थकता है कोई दो घंटा योगा करके थकता है कोई दो घंटा प्राणायाम करके थकता है एक बात याद रख लो शरीर अगर आपका ठीक नहीं है ना तो आपने

(35:59) जिंदगी की 80 पर बैटल आप हार गए कैसे क्योंकि सब कुछ तो इसी प चलता है ना अगर आपका शरीर में कोई बीमारी है शरीर ठीक नहीं तो आप आपके लिए तो सब कुछ अब हम बैठे हैं हमें कुछ खाना खाना है हमें बुखार हो जाए हमारे सामने 56 प्रकार के व्यंजन रख दो हम कुछ खाएंगे नहीं दिल ही नहीं करे क्योंकि बुखार है और शरीर ठीक है ना नॉर्मली है तो प्याज के साथ सकी रोटी खा जाएंगे फाड़ फाड़ के वो भी अच्छा लगेगा तो अपने शरीर पर काम करो जब शरीर ठीक नहीं ना तो आप मेडिट कर सकते ना आप कुछ कर सकते ना आप उसको प्राप्त कर सकते जो कहते ना कि भैया वो जब आत्मा परमात्मा में लीन हो

(36:38) जाती है क कोई पेन रहेगा ना तो उसी पर ध्यान जाएगा अब बहुत से मानते नहीं कि नहीं जी मैं तो ये कर लेता हूं तो हमने कईयों को बोला कि आप एक काम करना 30 सेकंड 30 सेकंड बंदर मत सोचना बंदर के बारे में आपको सब मिलेगा तो 30 सेकंड बंदर ही दिखाई देगा यह मैं आपको बता रहा था ह्यूमन साइकोलॉजी तो क्या है कि एक जब आप संतुलित जिंदगी जीते हैं ना अब पता क्या होता है एक पुरानी कहावत है कि खुद से मिलने आते और दुनिया से मिल के चल देते हैं क्या मतलब इसका दुनिया में हम आते हैं कि खुद से मिले तरकी करें अच्छा इंसान करें मगर लोगों से मिलकर चल देते हैं क्या नहीं

(37:11) अपने लिए टाइम निकालते हमेशा पा मिनट अपने आप से बात करनी चाहिए बैठना चाहिए कि भ मैं क्या हूं क्या कर रहा हूं लिखो उसके बारे में जो क ना आई एम बिजी आई एम बिजी आई एम बिजी वो व्यस्त नहीं है व अस्तव्यस्त है जो हमेशा बिजी बोले व अस्तव्यस्त है वो व्यस्त नहीं है तो यह चीज निकालो ना कि उस हिसाब से हम क्या कर सकते हैं अपना दिनचर्या बनाओ एकना रूटीन बनाओ भले कुछ भी करो मगर आपका रूटीन होना चाहिए आपकी दिनचर्या होनी चाहिए कि यह सब अगर आपने पसीना निकाला बहुत से कहते कि मैंने कर लिया मैंने कर लिया जब तक पसीना नहीं निकलता ना वर्क आउट काउंट नहीं

(37:47) होता पसीना निकलेगा तो वर्क आउट काउंट होगा योगा भी जरूर करना चाहिए इंटरनली बॉडी के लिए सूक्ष्म वम जैसे आपका अलोम विलोम है कपाल बात है बाकी की चीजें करनी चाहिए वो इंटरनली बॉडी के लिए बाहर की बॉडी के लिए आप भागना दौड़ना सब करना चाहिए मैं तो बहुत बॉडी वेट वर्कआउट करता हूं हा तो भी चलना कूदना ये सब करना अब आप बताना ना कोई कुत्ता पीली उसको शुगर होगा घर में पा लोगे तो उसका जरूर कुछ हो जाएगा आप है ना किसी शेर को ले आओ उसको भरपेट मास दो खाना दो सब कुछ दो जंगल में छोड़ दो जो जंगली कुत्ते होते हैं ना पतले उसका शिकार कर लेंगे जब तक

(38:24) इंसान की फायर जिंदा हैना उसम भूख नहीं है फायर नहीं है तो इंसान व वो कर नहीं पाएगा एक इंसान को छोड़ के बाकी सारी चीज मैक्सिमम तक पहुंचती है पेड़ देखो पौधा देखो जानवर देखो एक इंसान में बहुत पोटेंशियल होता है वह अपना यूज नहीं करता वह अपनी मैक्सिमम छोड़ दो अपने 25 पर तक नहीं जाता तो क्या है कि वो फायर वो भूख बना के रखनी चाहिए बच्चे भी किसी के होते हैं जो माता पिता सुन रहे हैं उनको सिर्फ सुविधा दो खाने की कपड़े पहनने की बाकी उनको एक एक रुप का एहसास कराओ हर चीज का एहसास कराओ भैया कैसे आप आए कैसे क्या बड़ा जाता है कैसे क्या कर जाता है कभी आपकी जिंदगी

(38:59) में ऐसा टाइम आया हो जब आपको लगा हो कि मैं टूट गया हूं इस वक्त या समय खराब रहा हो देखो समय मैं मानता हूं कि अच्छा बुरा समय जरूर होता है जिंदगी में अच्छा समय आपको सिखाएगा सही समय होगा आप उसका उपयोग कर सकते हैं टूटना उठना क्या होता है जिंदगी है अगर मान लो इसीजी में अगर लाइन सीधी है तो उसका मतलब डेथ होता है ऊपर नीचे जाग तो या आदमी जिंदा है तो जिंदगी में वर कुछ जिंदगी स्पाट चलती रही सब कुछ मिल गया वो सब कुछ हो गया अम्मा ने घर पर जन्म ले लिया तो उसका जिंदगी का फायदा क्या है जो पोटेंशियल है वो निकलेगा नहीं पोटेंशियल तब निकलेगा जब आपके ऊपर एक सोना

(39:38) ना सोना जो खान से निकलता हैना को कीमत नहीं होती जो भट्ठी में तबके होता है ना गर्म होता है और जब आके बनता है तब सोने की कीमत होती है इंसान भी वही है कि नॉर्मली रहे कंफर्ट रहेगा नॉर्मली उठेगा चाय पिएगा वो करेगा कैलोरीज देखेगा वर्क आउट देखेगा घड़ी देखेगा हो गया जिंदगी जिंदगी वो नहीं है जिंदगी हर हर तीसरे महीने ब्लड टेस्ट करवाना शुगर टेस्ट करवाना टेस्ट करवाना टेस्ट करवाना वो भी नहीं है जिंदगी वो है कि भैया मैं हर दिन या हर महीने हर साल क्या क्रिएट कर सकता हूं सबको मरना है सबको बूढ़ा होना है सबको जाना है कोई विषम

(40:11) पिता थोड़ी है कि मैं 300 400 साल जीएगा अभी आपका डेली रूटीन मैं जानना चाहूं तो क्या रहता है मैं डेली वही आजकल सोना थोड़ा लेट हो गया है हम भी उल्लू वाली कैटेगरी में आ गए मगर उठता मैं सूर्य उगने से पहले ही 4 बजे 5 बजे बजे उठ जाता हूं मैं ओके सूर्य आजकल तो सात सवा सात उठता है वो उठता है तो उठ के वही गर्म पानी पिऊंगा वही अपना रूटीन हनुमान चालीसा सुनूंगा रोज सुबह मैं तो रात करके सोता हूं हमेशा ओके क्योंकि हनुमान जी है जो हमारे जैसे देसी आदमी के साथ रहते हैं क्या लॉजिक है रोज हनुमान चालीसा सुनने का व जब अखाड़े में जाते हैं तो हनुमान जी को ही माना

(40:50) जाता है कि इस धरती पर कोई देवता अगर विराजमान है तो हनुमान जी क्योंकि हनुमान जी का शक्ति का प्रतीक है ताकत का प्रतीक है बुद्धि के प्रतीक है बुद्धि के प्रतीक है और हनुमान जी बहुत भोले हैं और जो भोला होता है उसके भगवान होते हैं समझ रहे हो ना तो सुन लेते हैं मैं रात हो करके सोता तो उसके बहाने फिर वो चीज हो जाती है कि भैया चलो ठीक है पानी वानी पीता हूं फिर करता हूं फिर शाप दो ढाई घंटे वर्कआउट करता हूं ओके ढाई तीन घंटे मोनिंग मेरा रहता है कहीं भी चला जाऊ ये वर्कआउट जम वाला मैं अब क्लेज होटल में ठहरा हुआ हूं जैसे तो वहां से मैं लोदी

(41:22) गार्डन जाऊंगा वहां पर भागू रनिंग पीटी करूंगा फिर मसल अप करूंगा फिर सारी चीज करूंगा तो सारा बॉडी वेट से बॉडी वेट से भाग दो जिम में तब जाता हूं जब तो थोड़ी सी ऊपर ट नीचे है तब जिम करता हूं थोड़ा सा हरारत हो रखी तो जिम की फिर पूरी एक्सरसाइज कर लेता वंडरफुल अच्छा आप अभी बता रहे थे कि आप बहुत सारे लेवल पर एंबेसडर हैं स्वच्छता अभियान वो पूरी लिस्ट एक बार मुझे कैमरे प जाननी है जी मुझे मौका मिला था एक बच्चा जो कभी ढंग से खड़ा नहीं सकता था जो फिट इंडि आइकन है फिट इंडिया आइकन हां फिट इंडिया आइकन एंबेसडर तो उनके ढेर सारे हैं उसमें से तो

(41:55) सारे फिट इंडिया आइकन ू पीपल है फिर मैं स्वच्छ भारत के साथ जुड़ा एंबेसडर बना उनका मौका मिला मुझे जी सारे इनिशिएटिव हमारे नबल प्राइम मिनिस्टर साहब के हैं विकसित भारत के साथ जुड़ा अंबेस्ट बना एक एंटी टबा कैंपेन के साथ जुड़ा उसका फेस हू सब बोलते इसका एक्सीडेंट खराब है जैसे मेरी एक फिल्म आ रही है 29 फरवरी को 29 फब को एक एक नो टेबल एक दो टीटी प मेरी फिल्म रिलीज होगी कुछ थिएटर में भी होगी वहां पर तो मेरा मानना य रहता है कि वो काम करो कि जो किसी को प्रेरित करे इंस्पायर करे अब मैंने वहां के लिए गाने भी किए हैं जो तीन

(42:35) चार गाने आएंगे जिसमें हमने एंथम है मोटिवेशनल है तो सब आएंगे कि हमने लव सॉन्ग भी किया तो सारी चीजों को क्लीन करो फिल्म का थीम क्या है फिल्म का थीम है जैसे दंगल सुल्तान वाला थीम है ओके सेम हरियाणा बे स्टोरी है हम और एक बच्चा होता है जो अपनी लाइफ में बहुत कुछ करना चाहता है उसको सब कहते हैं कुछ कर र पाएगा नहीं वो फादर भी बोलते सब बोलते जैसे हम हम ही बोलते हैं आज तक तो बच्चा बहुत मुश्किलों से कैसे आगे जाता है कैसे करता है कैसे चीजें हैं वो फिल्म का एक बहुत और इसमें मेरे फादर साहब वो बने जो सलमान खान के फादर थे ना

(43:10) सुल्तान में वो मेरे फादर बने इसमें ओके तो बाप बेटे का बहुत इमोशनल टच है एक टाइम होता है कि फादर की डेथ हो जाती है जब वो सक्सेस पे जाता है तो फिल्म के लिए हम सब की तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनाएं आपको जी बहुत-बहुत थैंक यू शुक्रिया अच्छा थोड़ा सा लास्ट एक सेक्शन थोड़ा सा बिग बॉस के बारे में आपसे डिस्कस करते हैं बिग बॉस का इनसाइट्स क्या रहता है जो टीवी पर दिखता है जो लोग जानते हैं क्या वही अंदर हो रहा होता है अंदर कुछ और खिचड़ी पकती है बिग बॉस मैंने किया था और मैंने आज तक अपना सीजन भी नहीं देखा है अच्छा नहीं देखा है

(43:41) क्योंकि तब मैंने घर खरीदा था और वो बोले कि भैया आपको कदम रखने के इतने पैसे दे देंगे तब तब थोड़े से सारे सेलिब्रेटी जाते थे मतलब ऐसे वो अप्रोच करते थे डिफरेंट डिफरेंट आजकल तो न बच्चे ढेर सारे जा रहे हैं मैं गा बार अखबार में पढ़ता हूं देखता हूं तो शो जो अंदर से होता है अंदर से होता है कोई उसमें कोई य नहीं कि भा अंदर कोई आपका सेलफोन अलाउड है पीने वालो पीनी बंद हो जाती है खाना कम सोना कम एक टॉयलेट एक बाथरूम किसी को आप मार नहीं सकते उंगली लगा नहीं सकते अब 13 14 आदमी अलग-अलग दिमाग के मतलब कुछ स्क्रिप्टेड नहीं होता

(44:11) वो रियल हो रहा होता है रियल हो रहा होता है अगर कुछ लगे कि घर में कुछ नहीं होरहा तो को टास्क दे दें किसी को हिडन क्या आपको आपके कपड़े काटने हैं ये करना है तो झगड़ा करवा ही देंगे फिर बाकी चीजें विनर वोटिंग क्या मैं जानता नहीं कि कैसे विनर बने कैसे वोटिंग होगी बाकी अंदर का कंटेंट तो नॉर्मल रहता है अब मेरे सीजन में तो मैं बहुत फाइनलिस्ट था तो उस दो तीन महीने तक कोई फोन वन कुछ नहीं जब मैं शो करता था तब मैं शो का फाइनलिस्ट था हम और उस शो से मैंने मुझे बहुत बड़े-बड़े शो किए मगर मुझे मौका मिला उस शो से वो शो बहुत हीट हो गया सीजन हम और मैंने उसका एक

(44:45) शुगर टेंट सेट किया था उसे पहले लोग समझते थे इसमें वो इंसान आते हैं जिनका करियर खत्म है या इंसान आते हैं जो कंट्रोवर्शियल है जब मैं गया था तो मैंने एक सेट किया था कि नहीं यार इसमें इंसान ढंग के भी आते हैं अच्छे भी आते हैं और अच्छे चले भी जाते हैं हम तो जब मैं उस शो में गया था मैं 0 निकर 20 बनियाना अखाड़े बाहर ढेरी लगती थी उसमें लेके गया था ऐसे हम तो वो सब लेके गए थे आप वहां प हां मतलब वो निक बनियान होते है ना जो बाहर जो मिलती उस पे ठ ठने पे मिलती है तो तो सब कहते थे एक लड़का होता था मेरा दोस्त उसका नाम तो लूगा नहीं कहता था ये शर्ट ₹ लाख

(45:19) रप का है यह बेल्ट इतने कि तो मेरे लिए नहीं बात थी क्योंकि मैं सोचता था साला दो लाख शर्ट तो बहुत मतलब बहुत महंगा है या बेल्ट इतनी महंगी तो सलमान जी आते थे सलमान जी देसी आदमी है उनसे मेरी थोड़ी बनती थी तो ला संग्राम इसने शर्ट दो लाख पहन रखा है वो कैप्सूल देखते हुए मैंने कहा भाई साब चीनी की बोरी आती थी 00 की आती थी अब थोड़ी महंगी हो गई हज 1500 2000 की हो गई हो गई शरीर में जान है ना तो वो सिलवा के पहन लो आदमी को कुछ करने ज चमकेगा बोला इसकी बेल्ट 000 की है मैंने कहा 20 घी खा लिया तो ब क्या कपड़े पहने की जरूरत नहीं चमकते रहेंगे तो ऐसे ऐसी

(45:54) बात करते सलमान खान सलमान खा तो सबसे ऐसी बात करते कई वो होते थे दोस्त वो मैं वहां प जाता मार खो लिए दो उसकी मैंने नाग वाली फिल्म देखी थी क्या तो तो हनुमान को नहीं मिला क्योंकि उसको जान साफ फिल्म देखी थी हमने पहली फिल्म कम देखते थे तो उस वो मिला पाजी और फिर वो बदमाश ला जो अखाड़े में पले बड़े हैं ना उनको तहजीब नहीं होती मतलब वो करने की अच्छा वो कह रहे हैं वो कह रहे थे पीछे कैसे कि वो बिग बॉस ब दुनिया है कि आप जहां बोलोगे कैमरे सामने आ जाएगा तो मैं आ गया मैंने पाजी यार मैंने कहा आपकी फिल्म देखी नाग वाले आप सच्ची में नाग हो

(46:30) यार तो ऐसे करते थे तो फिर बोलते थे तब तब शूट होता था बिग बॉस करजत में लोना वाला गया कहते थे घर हंटेड है तो दिन भर झगड़ते लड़ते सब कुछ करते और रात को बाथरूम करने जाते थे सब मुझे उठाते थे कि बाथरूम जाना है कि भूतिया करर है भ पता नहीं क्या है फ सलमान खान बोलता कि भाई साहब बहुत हो गया अब निकाल दो यार दिन में ये आराम करने देते खाना कम है ना य रात को सोने देते तो मेरे लिए तो एंजॉय कर रहा था मैं तो सप्ता ही पैसे गिन रहा था कि भाई एक सप्ताह के पा लाख रप हो गए तो उस टाइम मुझे इतने मिलते थे एक सप्ताह के एक हप्ता के पा लाख

(47:04) मुझे मिलते थे उस टाइम ओके मेरे सबके सेम रहते हैं अलग-अलग होते हैं नहीं नहीं नहीं उस टाइम सबसे हाईएस्ट पीड थी मेरे हिसाब से काजोल की बहन तनीशा थे हमारे साथ में वो उसके बाद मैं था मैं या गोर कुछ ऐसे ही था मतलब और सबके सबको पता होता है नहीं बाकी सब कम थे सब वो झूठ बोलते थे वो क्योंकि बिग बॉस क्या है कि मैं जैसा था मैं अपनी रियलिटी के साथ रहा तो लोग आज तक मुझे याद करते हैं वो सब होता है आज भी मुझे शो में कई बार बुलाते हैं मगर मैं अपने व्यवस्था के कारण या उसके कारण मैं सोचता हूं कि भाई मैं बिजी रहता हूं मैं नहीं जा पाता या फिर मैं

(47:38) सोचता हूं कि भाई मैं इस शो के लिए लायक नहीं बनाऊं ये शो बड़ा है मैं उस लायक हूं नहीं या मैं उल्टा लगाऊं तो भाई मैं सोचता हूं कि यह शो मेरे लिए छोटा है मैं इसके लायक नहीं हूं तो वो सोचते हैं बाकी शो अच्छा है बहुत अच्छा है गलत कोई नहीं मगर आजकल के बच्चे को मैं एकही बात कहना चाहूंगा कि वो किसी भी शो में जाए जिंदगी बहुत बड़ी शो बहुत छोटा कोई भी ऐसा काम ना करें कि उसके और उनके परिवार पर फिर व बात एक खाली मात्र शो के लिए क मैं देखता हूं कि वहां पर वो कोई नंगे हो जाते कोई दूसरी चीज करते कोई तीसरी चीज कर तो मर्यादा में आप रहोगे ना

(48:10) तो आपके लिए फेम भी है आपके लिए मनी भी है आपके लिए शो भी है मर्यादा मीस अपने जड़ों से जुड़े रहो मर्यादा यानी एक एक सीमा में कि भैया मैं सीमा में यहां पे मैं शर्ट निकाल सकता हूं तो शर्ट ही निकाल ना कि नंगा हो जा तो मर्यादा अपनी रखो यह भी अब समझ में आ रहा कि भ ये पहले मुझे पता नहीं होता था कि फिल्में क्या सही है मुझे बहुत फिल्में ऑफर होती है नेगेटिव रोल के लिए इसके लिए कई मैंने सुपरस्टार को भी ऐसे देखा नाम तो लूंगा नहीं मना भी किया है क्योंकि मैं अपने नाम की नौकरी करता हूं अब मुझे पता चला कि चीज ये सही है अगर मैं

(48:43) वो करता तो मैं इतना प्राइवेट या सरकार या इनके साथ कैसे ब्रांड इ बेस्टर होता मैं भले फिल्में ज्यादा कर लेता और ज्यादा कर लेता मगर मैं लेगस के लिए काम करता हूं लेगे ऐसी होती कि जैसे पुराना गुड़ पुराना गीज जितना पुराना होगा उतना कामने आता जाएगा तो उसके लिए मैं कोशिश करता हूं तो सबको लेगासी के लिए काम करना चाहिए जब आप लेगासी के लिए काम करोगे ना तो पैसा भी आ जाएगा फिल्म तो आ ही जाएगा ये चीज आ जाएंगी सुपर्ब तो आई थिंक लाइक दैट थैंक यू वेरी मच संग्राम सिंह जी बहुत कुछ मुझे भी सीखने को मिला और आई थिंक यह इकलौता ऐसा पॉडकास्ट इंटरव्यू जो भी कह लो

(49:19) मोटिवेशन के खान है पूरी है तो जिसको भी मुझे लग रहा है मोटिवेशन की जरूरत हो या बहुत सारे मोटिवेशन को सुनने हो ये एक इंटरव्यू वो सारे का काम कर सकता है जी मैं तो अपनी जिंदगी ऐसे जीता हूं मेरे जो भाव है मेरे जो थोट है वो ऐसे ही रहते हैं हमेशा थैंक यू वेरी मच थैंक यू वेरी मच संग्राम समझ आने के लिए

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