इस वीडियो को देख लो, कभी दुःखी नहीं रहोगे | Sagar Sinha Motivational Video

खुश रहने का एक ही तरीका है हमेशा खुश रहना चाहते हो उसका एक ही तरीका है मान लो यह दिन आखिरी है तुम्हारी जिंदगी का इसके लिए स्टोरी मैंने आज के लाइव में भी सुनाया था कल भी सुनाया था लेकिन अभी बहुत सारे लोग नए होंगे फिर फिर सुना देता हूं साउथ इंडिया में एक फिल्म डायरेक्टर है उस फिल्म डायरेक्टर को एक कैरेक्टर पे कहानी बनानी थी यह वो कैरेक्टर हो जिसको फांसी दी जा रही हो फांसी के बाद वोह मरने वाला हो वो बेसिकली रियल एक्सपीरियंस चाहता था वोह जानना चाहता था कि फांसी जिसको लग रही होती है उसमें फीलिंग कैसी होती है तो बाहर से तो पता चल नहीं सकता भैया क्योंकि

Transform Your Life: Watch This Video, Never Stay Unhappy Again | Sagar Sinha Motivational

(00:25) मरने का एक्सपीरियंस एक ऐसा एक्सपीरियंस है जो जिंदगी में दोबारा नहीं हो सकता मर गए दोबारा एक्सपीरियंस कहां से तो उसने ने वहां के जेलर से बात करी उसने बात करी कि भैया एक कैदी से मुझे मिलना है जिसको फांसी लगने वाली हो उसका मैं एक्सपीरियंस जाना चाहता हूं क्योंकि फिल्म बनाना है तो वहां के जेलर रेडी हो गए कि ठीक है दो दिन बाद आ जाओ एक ऐसा कैदी है जिसको फांसी लगने वाली है उससे मिला देता हूं मैं तो डायरेक्टर पहुंचे और जेल के कंपार्टमेंट वो कैदी के कंपार्टमेंट के बाहर जब उस कैदी को देखा तो डायरेक्टर शॉक हो गया वो टेंशन में आ गया वो सोचने लग गया ऐसा कैसे

(00:51) हो सकता है भाई ये तो हो ही नहीं सकता ऐसा क्या देख लिया उसने उसने देखा वो कैदी खुशी-खुशी गाना गा रहा है हंस रहा है मुस्कुरा रहा है अच्छी-अच्छी एक्टिविटी कर रहा है गाना गा रहा है प्रभु के गुण गान गा रहा है कभी कुछ गा रहा है कोभी कुछ कर रहा है मतलब पूरी एक्टिविटी उसकी ऐसी लग रही है कि अभी भी उसकी शादी होने वाली है इतना खुश वो दिख रहा है तो डायरेक्टर समझा कि पगला गया है पागल है ये अरे मरने के टाइम पे कोई इतना खुश होता है क्या ये एक्सेप्शनल आदमी है तो जेलर के पास वापस गया बोला कि कोई और कह दिया भाई जो मरने वाला हो फांसी लगने वाला उससे मिलवा हो तो

(01:16) जेलर बोले मिलवाया तो सही उसमें क्या दिक्कत है बोले उसमें दिक्कत ही दिक्कत है वो तो एक्सेप्शनल केस है मरने वाला देखो इतना खुश है वो खुशी-खुशी गा रहा है नाच रहा है ऐसा थोड़ी होता है तो जेलर उसकी बात प मुस्कुराया बोला दरअसल जितने भी लोगों को फांसी लग फांसी लगने वाली होती है ना 90 पर लोग ऐसे ही होते हैं जो मरने से पहले बहुत खुश होते हैं वो अपनी जिंदगी जीना चाहते हैं वो अपनी जिंदगी जी रहे होते हैं उस वक्त तब डायरेक्टर को समझ में आया कि जब जिंदगी आखिरी होती है ना जब पता चलता है कि हमारे पास अब जिंदगी ज्यादा बची नहीं है तो कोई भी शोक विलाप दुख नहीं

(01:42) करता ये ठीक उसी तरीके से है जैसे पिज्जा का आखिरी स्लाइस अगर बचा हो तो खाने में हम बड़ा उसको चाओ से खाते बड़ा एंजॉय करके खाते हैं लेकिन अगर पता हो कि वो आखिरी स्लाइस के बाद चार पिज्जा बड़ा-बड़ा और बचा हुआ है तो आप उसको उस कदर एंजॉय नहीं कर पाओगे जिस कदर एंजॉय करते अगर वो आखिरी होता तो ठीक ठीक इसी तरीके से जिंदगी में जब हमें पता चल जाता है ना अभी 4 साल तो बचा है अभी 50 साल तो बचा है फिर हम नौटंकी बाजी शुरू करते हैं सोचना शुरू करते हैं अरे बहुत जिंदगी बचा है क्या काम करेंगे आगे क्या भविष्य होगा कहां से पैसा आएगा गाड़ी भी खरीदना है अगर भी ये भी

(02:12) बच्चा का फीस भी देना है घर भी बनाना है कहां से होगा ये सब पता नहीं कैसे होगा मेरी किस्मत खराब ओ हो बहुत दिक्कत मेरा प्रोडक्ट नहीं पहुंच रहा है माल नहीं आ रहा है कोई जॉइन नहीं हो रहा मैचिंग नहीं हो रही थाईलैंड कैसे जाएंगे फिर नौटंकी बाजी में आद भी शौक में चला जाता है टेंशन में रहता है और फिर ये गुणगान गाता रहता है कि मैं बहुत टेंशन है बहुत टेंशन है बहुत टेंशन है और ये टेंशन ले ले के उसको आदत हो जाती है लेकिन उसी क्षण अगर उसको पता चल जाए कि भाई ये आखिरी दिन है तुम्हारा कल तुम्हारा खेल खत्म सारा टेंशन हवा हो जाएगा एक मोमेंट में अरे

(02:43) मरने वाले हैं क्या फिर अब वो वो करेगा जो वो करना चाहता है सिनेमा देखना चाहता है सिनेमा देख कोई काम करना चाहता है कोई गोल पूरा करना चाहता है मरने के पहले वो बॉडी बनाना चाहता है पले बॉडी बनाने लग जाएगा मरने के पहले अपने आप को कंसिस्टेंट डिसिप्लिन बनाना चाहता है ये इच्छा है उसकी तो करने में लग जाएगा यानी कि आदमी अपना बेस्ट तभी दे पाएगा जब उसको पता है उसके पास ज्यादा समय नहीं है और इसीलिए हमने वो 45 डेज वाला मिशन भी शुरू किया कि 45 डेज का मतलब ही यही है कि हमें पता है कि हमारे पास अब दिन है नहीं 45 दिन के 45 दिन के बाद 46 वां 47 वां दिन नहीं है

(03:09) मेरे पास क्योंकि उसके बाद नया साल आ जाएगा फिर नई जिंदगी हम जिएंगे नए साल में कैलेंडर बदल जाएगा सर जिंदगी सच में सच्चाई तो यही है कि किसी को नहीं पता मेरे फादर की डेथ मालूम कैसे हुई थी मेरे फादर की डेथ ऐसे ही हुई थी मेरे फादर अ बाइक हुआ करता था उस वक्त हमारे खानदान में किसी के पास कारवार थी नहीं मेरे खानदान का पहला आदमी हूं जिसके पास कार ले पाया मैं तो पापा मेरे बाइक से जा रहे थे और हाईवे पर जा रहे थे जाते-जाते बारिश होने लग गई तो अब पापा मेरे हट्टेड कहीं कोई दिक्कत नहीं बारिश से बचने के लिए बाइक को सड़क के किनारे लगाते हैं और वहीं

(03:39) पे एक छोटा सा मंदिर था बारिश से बचने के लिए वहां मंदिर में जाके छुप गए बहुत सारे लोग और भी छुपे हुए रुके हुए थे बारिश से बचने के लिए सोचे बारिश खत्म हो जाएगा तब निकलेंगे उसी वक्त क्या होता है एक ऐसा ट्रक वहां से गुजरता है जिस ट्रक का ब्रेक फेल होता है और वो ट्रक उस मंदिर को उड़ा देता है और उस मंदिर में जितने लोग रुके हुए होते हैं उनमें से कोई भी नहीं बचता उनमें से एक मेरे पिताजी भी थे सर मौत इतनी अनसर्टेन होती है क सोच के बैठते हैं ना 60 साल है 50 साल है 40 साल है किसी को नहीं पता कितना है क्या पता अगला सेकंड भी

(04:05) आपके पास ना हो ऊपर वाले ने क्या किसके लिए सोचा है किसी को नहीं पता तो ये सिर्फ तरीका नहीं है जिंदगी जीने का हम ये मान के जिए कि हम हमारे पास ज्यादा समय नहीं है ये सिर्फ तरीका नहीं है यही शायद सोचना भी चाहिए आपको यही शायद ऊपर वाला करवाना भी चाहता है शायद इसीलिए ऊपर वाले ने दिन नहीं बताया ना कि कौन से दिन निपटने वाले हो तुम कब किसकी जिंदगी कब खत्म हो जाए पता नहीं सर तो काहे को ज्यादा टेंशन लेना ये ये कैसे हो जाएगा वो कैसे होगा मस्त रहो काम करते रहो अपना बेस्ट देते रहो जो काम कर रहे हो उसमें बेस्ट दो प्राउड फील

(04:30) हो हर रोज रात को सोते हुए यकीन हो कि मैंने अपना बेस्ट दिया है और चेहरे पे खुशी हो स्माइल हो सोते हुए आज तो मजा आ गया जिंदगी जी करके कल ना भी हो सुबह तो कोई फर्क नहीं पड़ता आज तो मैंने अपना बेस्ट दिया ना स्वर्ग जाएंगे ऊपर जाएंगे तो भगवान को कहेंगे बेस्ट देके आया हूं नर्क नहीं जाऊंगा स्वर्ग में दे दे गए लेकिन ज्यादातर लोग कल के इंतजार में रहते हैं कल अच्छा करेंगे आज तो कुछ नहीं हो पाया कल अच्छा करेंगे इस महीने तो कुछ नहीं हो पाया अगले महीने कर लेंगे इस साल तो कुछ नहीं हो पाया अगले साल के तुम कभी कुछ नहीं करोगे कभी कुछ नहीं राज का

(04:56) बुलावा आएगा एक दिन कान पकड़ के ले जाएगा अपरा त मैं बहुत टंकी करी है पूरी जिंदगी अगला साल अगला महीना अगला दिन अगला हफ्ता करते करते बहुत नोटंकी कर कान पकड़ के उठा के ले जाएगा और सीधा नरक में झोक देगा इसको मारो इसको मारो इसको डंडे प डंडा डंड डंडा मार मार के मारेगा परेशान करेगा कहेगा जिंदगी भर तुमने नौटंकी किया है अरे नौटंकी बंद करो कल करेंगे अगले साल करेंगे अगले हफ्ते करेंगे किसी दिन ऐसे ही निपट जाओगे फिर ऊपर यमराज को बोलते रहना कल करेंगे यमराज बोलेगा मैं तो कल नहीं करता भाई मैं तो आज करूंगा तुम्हारे को गर्म तेल में मुझे छकना है अभी छोक यस एग्री

(05:25) करते हो मेरी बात से मेरी बात से एग्री कर रहे हो एग्री कर रहे हो मेरी बात से अब अगला लेशन टीम की बंडिंग पर टीम में बॉन्डिंग के लिए एक्टिविटी कराते रहना जरूरी है चाहे इसको टीम मानो या परिवार मानो क्योंकि हम जिस बिजनेस में है वहां तो टीम सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट है हमारी अब इसके लिए कहानी सुनाता हूं महाभारत की कहानी बचपन में कौरव और पांडव हमेशा लड़ते रहते थे खाने के लिए कौन खाएगा हम ज्यादा खाएंगे तुम कम खाओगे ये खाओगे वो खाऊंगा हमेशा लड़ाई होती रहती है तो भीष्म एक दिन आए बोले एक काम करो तुम्हारे नोटंकी बाजी परमानेंट बंद करता हूं भीष्म ने एक टास्क

(05:51) दिया सबको बोले भाई तुम लोग को खाना खाना है ना तो एक कंडीशन देता हूं उसी तरीके से खाना खाना पड़ेगा अपने हाथ को टेढ़ा नहीं करना है मतलब सीधा रख के खाना है हम ऐसे खाते हैं ना तो ऐसा टेढ़ा हो गया हाथ अपने हाथ को टेढ़ नहीं रखना है सबको जिसको भी खाना खाना है अपने हाथ को सीधा रख के खाएगा अब ऐसे रख के आप कैसे खाओगे ऐसे खाओगे क्या ऐसा डालोगे ये कह नहीं ये टेढ़ा नहीं होना चाहिए आप खाना उठा तो ले आदमी अब डाल ही नहीं पा रहा है आप फेंक के थोड़ी डालेगा मुंह में पूरा मुंह पे बिखर जाएगा वो कोई कुछ कर ही नहीं पा रहा वो सारा कोशिश लगे पड़े हैं ऐसे खाना बिखर

(06:19) रहा है बीच में देख के मजा आ रहा है इसी बीच युधिष्ठिर जिसकी बुद्धि एक शासक वाली बुद्धि थी युधिष्ठिर ने उपाय निकाला खाना उठाया उसके बगल में दुर्योधन बैठा था दुर्योधन के मुंह में दे दिया दुर्योधन ने बड़े मजे सता है अब ये भीष्म देख कर के बोला यही भाई यही परम एक उपाय था जो युधिस्टर ने कर दिया अब सब लोग उसको देख कर के ऐसे ही करने लग गए एक दूसरे को खाना खिलाने लग गए हाथ टेढ़ा भी नहीं हुआ हर किसी का पेट भी भर गया लेसन क्या है सर जब तक ये सोचोगे ना मेरा कैसे होगा मेरा कैसे होगा मेरा कैसे होगा मेरा कैसे होगा कभी नहीं होगा लेकिन जब ये सोचने लग जाओगे ना

(06:48) मेरी टीम में इसका कैसे होगा मेरी टीम में उसका कैसे होगा मेरी टीम में उसका कैसे होगा मेरी टीम में उसका कैसे होगा आपका तो अपने आप ही हो जाएगा दूसरों को खिलाने का सोचो ना दूसरों के लिए प्लान करो ना देखो आदमी की सबसे से कमजोर चीज स्वार्थ है देखो स्वार्थ का मतलब समझो स्वार्थ का मतलब स्व अर्थ स्वार्थ का मतलब ये नहीं होता है कि अपने लिए प्लानिंग करना स्वार्थ का मतलब ये होता है सिर्फ अपने लिए प्लानिंग करना सर ये तब तक ठीक है जब तक आप अकेले काम कर रहे हो लेकिन तब बिल्कुल नहीं चलेगा जब आप एक ग्रुप में काम कर रहे हो वो ग्रुप चाहे आपके खुद के

(07:18) परिवार का हो सकता है आपकी टीम का हो सकता है बड़ा आदमी वही बन सकता है जो अपने लोगों के बारे में सोचने लग जाए वो खुद बड़ा हो जाएगा उसको ज्यादा एफर्ट करने की जरूरत नहीं है यस यस यस यस मिथलेश जी कह रहे हैं आप तो डरा ही दिए जिंदगी से डरा नहीं दिए सर मेरा काम है आपको सही रास्ता दिखाना सही चीज बताना मान लो थोड़ी देर के लिए पा मिनट इमेजिन करके तो देखो कि कल का दिन आपकी जिंदगी भगवान ना करे कभी ऐसा हो कल का दिन आपकी जिंदगी का आखरी दिन है इस धरती पर पा मिनट इमेजिन करके देखो विजुलाइज करके देखो सर एकदम से सारे दुख खत्म हो जाए

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